जम्मू-कश्मीर में आज यानी बुधवार को विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोटिंग हो रही है। इस बार केंद्र शासित प्रदेश की 26 सीटों पर मतदान चल रहा है। मतदान के दौरान चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर पूरी नजर रखी जा रही है। इसके लिए दिल्ली में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जिससे चुनाव की प्रक्रिया पर निगरानी रखी जा सके।
Allegations of booth capturing by BJP candidate coming from Darhal where polling agents of other parties are not being allowed to come inside the booth. Request @ECISVEEP, election observers & DC Rajouri @dmrajouri to take urgent action.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 25, 2024
महबूबा मुफ्ती का आरोप
इस बीच, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी उम्मीदवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने बताया कि अन्य दलों के पोलिंग एजेंटों को बूथ के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर असर पड़ रहा है। महबूबा ने चुनाव पर्यवेक्षक और राजौरी के जिलाधिकारी को टैग करते हुए इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक मतदान केंद्र पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर के चुनाव पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर रहा है। राजीव कुमार ने कहा, “लोग बुलेट की जगह बैलेट पर भरोसा जता रहे हैं, और यह हमारे लिए एक उत्सव मनाने का समय है।” उन्होंने आश्वासन दिया कि चुनाव में उनकी विश्वसनीयता स्पष्ट हो रही है और दुनिया नापाक इरादों की हार की कहानी देखेगी।
चुनाव की प्रक्रिया
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हो रहे हैं। पहले चरण में 24 सीटों के लिए मतदान 18 सितंबर को हुआ था। दूसरे चरण का मतदान आज 26 सीटों पर हो रहा है, जबकि तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को 40 सीटों के लिए होगा। मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। दूसरे चरण के मतदान में सुबह के शुरुआती चार घंटों में 24.10 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया है। वोटिंग प्रक्रिया शाम 6 बजे तक चलेगी।
जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महबूबा मुफ्ती द्वारा लगाए गए बूथ कैप्चरिंग के आरोप ने चुनावी माहौल को और भी गर्मा दिया है। चुनाव आयोग की सतर्कता के बावजूद, विपक्षी दलों के आरोप चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले चुनावी चरणों में मतदान प्रतिशत और राजनीतिक गतिविधियों पर इसका क्या असर पड़ता है।