6 जनवरी को साल का पहला सूर्य ग्रहण, कब कहां दिखेगा ग्रहण?

2019 तीन सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण समेत पांच खगोलीय घटनाओं का गवाह बनेगा. आगामी वर्ष में ग्रहणों की अद्भुत खगोलीय घटनाओं का सिलसिला 6 जनवरी को ही दिखाई पड़ने की उम्मीद है. 6 जनवरी को लगने वाले आंशिक सूर्य ग्रहण से साल की शुरूआत हो रही है.

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जीवाजी वेधशाला के अनुसार

उज्जैन की शासकीय जीवाजी वेधसाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि आगामी वर्ष में ग्रहणों की अद्भुत खगोलीय घटनाओं का सिलसिला 6 जनवरी को लगने वाले सूर्य ग्रहण से शुरू होगा. गुप्त के मुताबिक 6 जनवरी को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखायी नहीं देगा. कालगणना के हिसाब से गुप्त ने बताया कि वर्ष 2019 में 21 जनवरी को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा. हालांकि, सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के एक सीध में आने के इस घटना को भारत में नहीं देखा जा सकेगा. क्योंकि उस वक्त देश में दिन रहेगा और धूप खिली रहेगी. जबकि 26 दिसंबर को लगने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण का नजारा भारत में दिखायी देगा. इस खगोलीय घटना को देश के दक्षिणी हिस्सों में अपेक्षाकृत बेहतर तरीके से देखा जा सकेगा जिनमें कन्नूर, कोझीकोड, मदुरै और त्रिशूर क्षेत्र शामिल है.

3 सूर्य और 2 चंद्र ग्रहण पड़ेंगे

नए साल में कुल 5 ग्रहण पड़ेंगे, जिसमें 3 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे. इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी को लग रहा है. यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. साथ ही यह ग्रहण शनिश्चरी अमावस्या पर पड़ने वाला खण्डग्रास सूर्य ग्रहण होगा. रविवार की सुबह को ग्रहण लगेगा. इसलिए सूर्य ग्रहण का बहुत बड़ा महत्व हो गया है. ग्रहण पर कुछ उपाय करने से कारोबार में बरकत आएगी.

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दुनिया के इस हिस्से में दिखेगा सूर्य ग्रहण

5 जनवरी शनिवार की शनिश्चरी अमावस्या पर पौष की अमावस्या महत्वपूर्ण मानी जाती  है. भारतीय समय अनुसार शनिवार की देर रात के बाद सुबह 5 बजकर 04 मिनट पर ग्रहण शुरू होगा. 6 जनवरी रविवार को सुबह 9 बज कर 18 मिनट तक सूर्य ग्रहण रहेगा. यह ग्रहण में भारत में दिखाई नही देगा. 6 जनवरी को लगने वाला सूर्यग्रहण चीन, जापान, कोरिया रूस और मंगोलिया में दिखाई देगा. ग्रहण के दौरान सूर्य का थोड़ा हिस्सा अंधेरे में काला हो जाएगा. लेकिन चंद्रमा सूर्य का थोड़ा हिस्सा ही छिपा पाएगा. इसलिए इसे खंडग्रास सूर्य ग्रहण कहा गया है.

4 घंटा लंबा ग्रहण

2019 में लगने वाले 5 ग्रहणों में से पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी को पड़ रहा है, इस दिन महा संयोग बना है. यह लगभग 4 घंटे लंबा ग्रहण है. यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, जिस कारण भारत में इसका सूतक भी नहीं लगेगा.

जाप-दान करें

ग्रहण का सूतक और ग्रहण काल की अवधि खंडग्रास सूर्य ग्रहण का सूतक नहीं है. इसलिए कोई परहेज करने की जरूरत नहीं है. लेकिन ग्रहण समाप्ति के काल तक पूजा, जाप दान आदि करें. ग्रह नक्षत्रों के इस अद्भुत संयोग से ग्रहण का सभी राशियों को लाभ मिलेगा. इसके लिए सभी किसी पवित्र नदी, तलाब या नहर में स्नान करें. गेहूं, शहद, गुड़, केला, सेब, चीकू और चने की दाल दान करें.

सूर्य ग्रहण लगने का समय

ग्रहण आरम्भ- सुबह 5 बजकर 04 मिनट.

खंडग्रास मध्य- सुबह 7 बजकर 11 मिनट.

खंडग्रास ग्रहण समाप्त- सुबह 9 बजकर 18 मिनट.

ग्रहण का असर क्या होगा ?

सूर्यग्रहण अमावस्या पर लगने की वजह से पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदा संकट आ सकती है. ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है. बर्फीला तूफान आ सकता है. भारी बर्फबारी होने की संभावना है. खंडग्रास सूर्य ग्रहण का अशुभ और शुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा. ग्रहण के दौरान सूर्य धनु और शुक्र के पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में होगा. सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के साथ 4 ग्रह योग बन रहे हैं. यानी सूर्य, चंद्रमा, बुध और शनि साथ होंगे.

 

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