अब गांव से और खासकर सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट के लिए जेएनयू में प्रवेश पाना आसान हो जाएगा. दरअसल, जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी ने अपने कुछ नियम बनाए हैं जिसकी तर्ज पर गांव से सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को मौका दिया जाएगा. वहीं, डीयू भी इसी तर्ज पर काम करने जा रहा है. डीयू की अकेडमिक काउंसिल की स्टेंडिंग कमेटी में फैसला लिया गया है कि अब एडमिशन प्रक्रिया में इन लोगों को भी फायदा मिलेगा. हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कमेटी सदस्य रसल सिंह ने कहा, ‘हम सरकारी स्कूल और गांवों से अपनी पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को कुछ फायदा देने की योजना बना रहे हैं. यह लड़कियों को मिलने वाले फायदे से अलग है. वहीं अभी तक यह फैसला नहीं हुआ है कि उन्हें किस तरह से फायदा दिया जाएगा. दरअसल जेएनयू में पिछले इलाकों से आने वाले विद्यार्थियों को फायदा मिलता है और उनकी पर्संटेज का निर्धारण जनसंख्या, शौचालय, लिंगानुपात आदि के आधार पर की जाती है.
बताया जा रहा है कि अभी तक पर्संटेज की गणना मैनुअली की जाती थी, लेकिन अब ऑनलाइन कैलकुलेटर की मदद ली जाएगी. इसके माध्यम से विद्यार्थी को जितनी छूट मिलेगी, उसकी गणना कर ली जाएगी. वहीं इसके अलावा भी इस बार एडमिशन प्रक्रिया में कई बदलाव किए जा सकते हैं और सीटों की संख्या में भी इजाफा होगा.
जानते हैं आखिर दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से एडमिशन प्रक्रिया को लेकर कौन-कौन से नियमों में बदलाव किया जा सकता है. दरअसल इस बार जो छात्र अपने विषय में बदलाव करेंगे, उनके कुल प्रतिशत में सिर्फ दो फीसदी की कटौती की जाएगी. इससे पहले सब्जेक्ट बदलने पर छात्रों के रिजल्ट को 5 फीसदी कम माना जाता था. वहीं स्पोर्ट्स और ईसीए कोटे के लिए भी 5 फीसदी सीटें आरक्षित की जा सकती है या उनके अंक कट-ऑफ में जोड़े जा सकते हैं.