पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले के विरोध में आया है। जवाहर सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक चिट्ठी लिखकर अपना इस्तीफा पेश किया और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
जवाहर सरकार ने अपनी चिट्ठी में कहा कि जब से कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है, वह सरकार की कार्रवाई से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने लिखा कि उन्होंने इस घटना के बाद से चुपचाप पीड़ा का सामना किया और उम्मीद की थी कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाएंगी और प्रदर्शन करने वाले जूनियर डॉक्टरों के साथ खड़ी होंगी। लेकिन उनके अनुसार, मुख्यमंत्री ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जो कि बहुत पहले उठाए जाने चाहिए थे।
जवाहर सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार द्वारा इस मामले में उठाए गए कदम बहुत ही धीमे और अपर्याप्त रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार दुष्कर्म के बाद तुरंत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करती और उन्हें शीघ्र सजा देती, तो स्थिति बहुत पहले सामान्य हो सकती थी। उनकी नाराजगी साफ तौर पर सरकार के प्रति गहरी असंतोष का संकेत है।
जवाहर सरकार ने टीएमसी पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही राजनीति से भी संन्यास लेने का ऐलान किया है। उन्होंने चिट्ठी में उल्लेख किया कि वह पहले ही 2024 से पहले पार्टी को इस्तीफा देने का मन बना चुके थे। उन्होंने साल 2022 में पार्टी के शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भी चिंता जताई थी।
उस समय भी उन्होंने पार्टी को भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने की सलाह दी थी, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के विरोध के कारण उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। अब, उनका कहना है कि उनकी उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जवाहर सरकार ने अपनी चिट्ठी में ममता बनर्जी का आभार भी व्यक्त किया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने पार्टी और सरकार के प्रति अपनी निराशा और असंतोष भी जाहिर किया है।