झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सहयोगियों के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तैयार कर लिया है। पार्टी के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी ने इसकी जानकारी दी है। झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं, जिनमें से बीजेपी 68 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। इसके अलावा, आजसू पार्टी को 10 सीटें, नीतीश कुमार की जेडीयू को 2 सीटें और चिराग पासवान की एलजेपी (आर) को 1 सीट दी गई है।
गठबंधन की मजबूती
बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति को मजबूत करने के लिए आजसू, जेडीयू और एलजेपी (आर) के साथ गठबंधन बनाया है। इन दलों की अपनी-अपनी वोट बैंक हैं, जैसे आजसू की पकड़ कुर्मी समुदाय में है, जबकि लोजपा (आर) का आधार दलित वोटरों में मजबूत है। जेडीयू भी झारखंड की 10-12 सीटों पर बिहारी वोटरों के सहारे अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है।
कौन कहां से लड़ेगा
बीजेपी और उसके सहयोगियों ने यह भी तय कर लिया है कि कौन-कौन सी सीटों पर उनके उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। आजसू को सिल्ली, रामगढ़, गोमिया, ईचागढ़, माण्डू, जुगसलाई, दुमरी, पाकुड़, लोहरदगा और मनोहरपुर जैसी महत्वपूर्ण सीटें दी गई हैं। हालांकि, आजसू ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की थी, लेकिन उसे 10 सीटें ही मिलीं।
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को जमशेदपुर पश्चिमी और तमाड़ सीटें मिली हैं, जहां जमशेदपुर पश्चिमी से सरयू राय के चुनाव लड़ने की संभावनाएं हैं। जेडीयू ने भी 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था, लेकिन उसे केवल 2 सीटें मिलीं। चिराग पासवान की पार्टी को चतरा की एक सीट दी गई है।
चुनाव की तारीखें और लक्ष्य
झारखंड में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने हैं। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। झारखंड में सरकार बनाने के लिए 42 सीटें जीतना आवश्यक है। पिछली बार, बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़कर केवल 25 सीटों पर जीत हासिल की थी।
यह नया गठबंधन बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि वह इंडिया गठबंधन (जिसमें कांग्रेस, झामुमो, माले और आरजेडी शामिल हैं) का मुकाबला कर सके। अब यह देखना होगा कि यह नया फॉर्मूला चुनावों में कितना प्रभावी सिद्ध होता है।