Jharkhand Political Crisis: झारखंड के गवर्नर रमेश बैस सीएम हेमंत सोरेन को विधायक पद से अयोग्य साबित करने का आदेश आज इलेक्शन कमीशन को भेज सकते हैं. इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के एमएलए सुदिव्य कुमार सोनू ने मीडिया से कहा कि सीएम हेमंत सोरेन इलेक्शन कमीशन के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं. उन्होंने शनिवार यानी आज कहा कि इलेक्शन कमीशन के फैसले का न्यायिक समीक्षा कराने के लिए मुख्यमंत्री शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखट सकते हैं. ये विकल्प हमारे पास खुला है
इस बीच सीएम के सियासी भविष्य को लेकर कयासों के बीच प्रदेश के सत्ता पर काबिज गठबंधन के सदस्य सीएम आवास पर तीसरे दौर की मीटिंग कर रहे हैं. हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खनन पट्टे के केस के चलते मजधार में लटकी हुई है. सूत्रों की माने तो , गवर्नर बैस शनिवार यानी आज अयोग्यता आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे और इसे इलेक्शन कमीशन को भेजा जाएगा.
उधर, झारखंड कांग्रेस के एक्जीक्यूटिव प्रेसिडेंट बंधु तिर्की ने कहा कि यहां की सियासत अन्य राज्यों से बिल्कुल भिन्न है. भारतीय जनता पार्टी यहां की सियासत को दूषित करने का प्रयास कर रही है.चुनाव आयोग का जो रिपोर्ट बंद लिफाफे में आता है जो कि खुला भी नहीं है परंतु उससे पूर्व ही सब लीक हो जा रहा है.
CORRECTION | Situation isn't like that right now. Such decisions will be taken by the CM, CLP leader. What can I say?: Jharkhand Congress working president* Bandhu Tirkey when asked if MLAs of the state will be shifted outside in wake of present political situation in the state pic.twitter.com/cIvYnRs6cw
— ANI (@ANI) August 27, 2022
They (BJP) are perturbed. So, they have been conspiring against this Govt since day one. Whenever a tribal person became CM of the state, they didn't allow him to complete his tenure: Jharkhand Congress working president Bandhu Tirkey pic.twitter.com/8tC0M737bW
— ANI (@ANI) August 27, 2022
उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार के जल्द के फैसलों से आदिवासी इलाकों में इनकी(BJP) जमीन उखड़ जाएगी इसलिए इनमें अफरातफरी मची है.ये जब से गठबंधन की सरकार बनी है तब से इस सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहें.जब कभी यहां का मुख्यमंत्री आदिवासी समुदाय से निर्वाचित हुआ है तो उसका कार्यकाल पूर्ण होने नहीं दिया गया है.