झारखंड के कोचांग गैंगरेप में फादर समेत आधा दर्जन दोषी करार

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फोटो साभारः Google

झारखंड के खूँटी में जून, 2018 में हुए कोचांग गैंगरेप मामले में फादर अल्फांसो समेत आधा दर्जन लोग दोषी कराए दिए गए हैं। फादर अल्फांसो पर आरोप था कि उन्होंने लड़कियों को अगवा होने दिया था और इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी थी। झारखंड में मानव तस्करी के ख़िलाफ़ अभियान चलाने वाली एक ग़ैर सरकारी संस्था से जुड़ी पांच लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार की वारदात काफ़ी सनसनीखेज़ थी। तब झारखंड के डीजी आरके मलिक ने कहा था कि पीड़िताओं को पेशाब पीने पर मजबूर किया गया था।

पुलिस के मुताबिक जून 2018 में आदिवासियों का पत्थलगड़ी आंदोलन चल रहा था। उस समय एक एनजीओ से जुड़ी पाँच महिलाएँ कोचांग गाँव में जागरूकता अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक करने गई थीं। फादर उस स्कूल के प्रिंसिपल थे, जहाँ नाटक चल रहा था। तब सैकड़ों बच्चों की मौजूदगी में महिलाओं को अगवा कर लिया गया था और जंगल में ले जाकर गैंग रेप किया गया था।

मामला खूँटी जिले के अड़की प्रखंड के कोचांग गांव का था। 19 जून को दिन के 12 बजे कोचांग चौक से क़रीब 200 मीटर दूर आरसी मिशन स्कूल से पांचों लड़कियों को अगवा किया गया था। स्कूल के प्रिंसिपल फादर अल्फ़ांसो आइंद को पुलिस ने घटना की जानकारी न देने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया था। इस मिशिनरी स्कूल के कैंपस में मौजूद इमली का एक विशाल पेड़ है। घटना के दिन इसी पेड़ के नीचे ये नाटक मंडली मानव तस्करी के ख़िलाफ़ लोगों को जागरुक करने के लिए नुक्कड़ नाटक कर रही थी।

नाटक देखने के लिए क़रीब 300 बच्चे और कुछ ग्रामीण मौजूद थे। इस नाटक मंडली में पांच लड़कियां और तीन पुरुष थे। ये कलाकार नुक्कड़ नाटक कर ही रहे थे कि तभी दो मोटरसाइकिलों पर सवार पांच लोग वहां पहुंचे और कुछ सवाल-जवाब के बाद सभी को उनकी ही कार में बैठाकर जबरन जंगल की ओर लेकर चले गए थे।

तब वहां कोचांग के मार्टिन सोय भी मौजूद थे। उन्होंने बताया था कि मैंने बदमाशों को इससे पहले कभी नहीं देखा था। वे कोचांग के नहीं थे। शाम होने पर गांव में यह ख़बर फैली कि बदमाशों ने नाटक टीम के साथ मारपीट की है। तब हम लोगों को बलात्कार की जानकारी नहीं थी। पुलिस के गांव आने पर हमें पता चला कि लड़कियों के साथ रेप हुआ है। स्कूल के प्रिंसिपल फादर अल्फ़ांसो आइंद को गिरफ़्तार करने के लिए क़रीब 300 पुलिस वाले 21 जून को गांव आए। इसमें महिला जवान भी मौजूद थीं। वे लोग फादर अल्फांसो और दो ननों को अपने साथ लेकर चले गए।

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