बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और महागठबंधन सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को एक बयान देकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। राजनीतिक गलियारों में माहौल गरम हो गया है। जीतन राम मांझी ने राम से ज्यादा रावण के चरित्र को महान बताया।
जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को कहा कि, राम से रावण ज्यादा बड़े थे। रामायण काल्पनिक है। राम और रावण दोनों ही काल्पनिक हैं। लेकिन इस काल्पनिक ग्रंथ में भी राम से रावण अधिक श्रेष्ठ हैं। इससे पूर्व जीतन राम मांझी लगातार हिंदू आस्था को आहत कर रहे हैं। रामचरित मानस और हनुमान पर लगातार विवादित बयान देते रहे हैं। इस बार रामचरितमानस को काल्पनिक बताकर हिंदू बहुसंख्यक समाज को आहत करने का एक और प्रयास किया गया है।
बिहार विधानसभा परिसर में आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि, वह हमेशा से कहते रहे हैं कि, रामायण काल्पनिक है। राम और रावण दोनों काल्पनिक हैं, लेकिन कल्पना के आधार पर जो कहानी है उसके अनुसार मेरा मानना है कि, राम से बड़े रावण थे। रावण ज्यादा बड़े कर्मकांडी थे।
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि, राम से बड़ा रावण का चरित्र बनता है। राम जब मुसीबत में होते थे तब उनकी मदद के लिए अलौकिक सेवाएं आती थीं, लेकिन रावण के लिए कुछ नहीं आता था। वे लोग रावण को नीचा दिखाते हैं।
जीतन राम मांझी ने कहा कि, राम से ज्यादा कर्मकांडी रावण था। रामचरितमानस बहुत अच्छी किताब है। इसमें बहुत सारी अच्छी बातें लिखी हैं। लेकिन मनुवादी व्यवस्था वाले लोगों ने इसमें राम का गुणगान की। बाबा साहेब अंबेडकर और राम मनोहर लोहिया की बातों को आधार बनाते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि, इस ग्रंथ में बहुत सारा कचरा है, जिसे साफ करने की जरूरत है।