कोरोना यानी कोविड वायरस का नया वैरिएंट जेएन.1 लगातार फैलता दिख रहा है। फिलहाल अमेरिका, चीन और सिंगापुर में हजारों लोगों को बीमार कर चुका जेएन.1 वैरिएंट का कोरोना वायरस भारत में भी अपने पैर पसार रहा है। कोरोना के जेएन.1 वैरिएंट के अब तक 2 मरीज केरल और तमिलनाडु में मिले थे।
अब जानकारी ये है कि गोवा में इस वैरिएंट के 18 और महाराष्ट्र में 1 मरीज मिले हैं इसके कारण केंद्र सरकार ने चिंता जताई है। भारत में कोरोना के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। 11 दिसंबर को कोरोना के 938 एक्टिव मरीज थे, लेकिन अब इनकी संख्या 2000 के करीब पहुंच गई है। कोरोना के नए 341 मरीज देश में मिले हैं। वहीं, केरल में 3 और मरीजों की मौत होने की खबर है। यानी एक हफ्ते में ही मरीजों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। पिछले दिनों खबर आई थी कि जेएन.1 वैरिएंट के कारण सिंगापुर में 56000 के करीब लोग बीमार हुए थे। चीन और अमेरिका में भी इस वैरिएंट से ग्रस्त लोगों का तांता अस्पतालों में लगने की खबर सामने आई थी।
जेएन.1 वैरिएंट पहले कोरोना के आए ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही नया रूप है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने इस वैरिएंट को क्लासिफाइड किया है। इसे डब्ल्यूएचओ ने वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट में भी डाला है। यानी कोविड के जेएन.1 वैरिएंट पर नजर रखना जरूरी है। डब्ल्यूएचओ ने हालांकि कहा है कि इस कोरोना वैरिएंट की वजह से लोगों की जान नहीं जा रही और फिलहाल इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
फिर भी सभी देशों को इस कोरोना वैरिएंट पर चौकस नजर रखने की हिदायत डब्ल्यूएचओ ने दी है। इसकी वजह ये है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने अचानक ही लोगों की जान लेनी शुरू कर दी थी। डेल्टा वैरिएंट की वजह से लोग गंभीर रूप से बीमार हुए थे और दुनियाभर में करीब 5 करोड़ लोगों ने इसकी वजह से जान गंवा दी थी।
इस बीच, जेएन.1 के लगातार प्रसार को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक बुलाई है। केंद्र सरकार ने पहले ही सभी राज्यों को अपने अस्पतालों को अलर्ट पर रखने और लगातार मरीजों की टेस्टिंग कर सैंपल की जांच कराने का निर्देश दिया था। माना जा रहा है कि आज की बैठक में जेएन.1 से उपजी स्थिति को देखते हुए कई और जरूरी कदम उठाए जाएंगे।