27 साल बाद JNU को मिला दलित प्रेसिडेंट, कौन हैं बिहार के धनंजय?

चार से बाद हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में एक बार फिर से लेफ्ट ने बाजी मार ली. लेफ्ट ने ABVP को हराकर चारों सीटों- प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, जनरल सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी पर जीत हासिल की है. ABVP को सभी 4 केंद्रीय सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है. बत्ती लाल बैरवा के बाद धनंजय वामपंथ से पहले दलित जेएनयूएसयू प्रेसिडेंट हैं.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में जीत हासिल करने वाले धनंजय बिहार के गया से हैं. खास बात है कि 27 साल बाद एक बार फिर जेएनयू छात्र संघ को दलित अध्यक्ष मिला है.

कौन हैं धनंजय?

धनंजय बिहार के गया से आते हैं. वो स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स के पीएचडी छात्र हैं. धनंजय ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन का हिस्सा हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई की है. उनके पिता एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी हैं.  छह भाई-बहनों में धनंजय सबसे छोटा है. खास बात है कि 27 साल बाद एक बार फिर जेएनयू छात्र संघ को दलित अध्यक्ष मिला है. इससे पहले साल 1996 में बत्ती लाल बैरवा ने चुनाव जीता था. धनंजय ने एबीवीपी के उमेश चंद्र अजमीरा को 922 मतों से हराया.

ABVP के उमेश चंद्र अजमीरा को हराया

धनंजय ने धनंजय अध्यक्ष का चुनाव ABVP के उमेश चंद्र अजमीरा को 934 वोटों से हराया. धनंजय को 2,598 वोट मिले. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के अविजीत घोष ने वाइस प्रेसिडेंट का चुनाव जीता. उन्होंने ABVP की दीपिका शर्मा को 1104 वोटों से हराया.

बीएपीएसए उम्मीदवार प्रियांशी आर्य ने एबीवीपी के अर्जुन आनंद को हराकर जनरल सेक्रेटरी पोस्ट जीता. प्रियांशी आर्य को 3307 वोट मिले. वहीं, जॉइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर लेफ्ट कैंडिडेट मोहम्मद साजिद ने 2893 वोट पाकर जीत हासिल की.

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