देश के प्रधानमंत्री मोदी के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के निर्णय के पश्चात जहां एक तरफ किसान खुशी मना रहे है। वही कंगना रनौत सरकार के इस निर्णय से खुश नही है। कृषि कानूनों की वापसी को लेकर कंगना रनौत ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला पूरी तरह से गलत है। कंगना रनौत के मुताबिक अगर संसद में चुनी हुई सरकार के बदले सड़कों पर लोगों ने कानून बनाना प्रारम्भ कर दिया तो यह एक जिहादी राष्ट्र है। उन सभी को बधाई जो ऐसा चाहते थे।
आज पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि हम किसानों को समझाने में कामयाब नहीं हुए, हमारी तपस्या में ही कमी रही, जिस कारण से हमें यह कानून वापस लेना पड़ रहा है।प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक उनकी सरकार तीन नये कृषि कानून के लाभों को किसानों को तमाम प्रयासों के बावजूद समझाने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों और खासतौर पर छोटे किसानों का सशक्तिकरण था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, इस माह के अंत में प्रारंभ होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे। MSP को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए,ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, फैसला लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे।