दिल्ली सरकार ने जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की इजाज़त दे दी है। ये मामला जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारे लगाने से संबंधित बताया जा रहा है। बता दें कि ये मामला पिछले 13 महीने से दिल्ली सरकार के पास लंबित था।
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेन ने मामले की जांच की थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति नहीं दी थी। अब जब सरकार ने अनुमति दे दी है, तो कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा।
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कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मामला चलाने पर कन्हैया कुमार ने स्पष्ट किया कि यह मामला राजनीतिक लाभ के लिए बनाया गया था और इसमें देरी हुई। मैं एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ट्रायल चाहता हूं ताकि पूरे देश को पता चले कि कैसे राजद्रोह जैसे कानून का दुरूपयोग हो रहा है। कन्हैया कुमार ने कहा कि जब पहली बार चार्जशीट दाखिल की गई थी, जब मैं
कन्हैया की मांग, फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चले ट्रायल
देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी के बाद कन्हैया कुमार ने भी प्रतिक्रिया दी है। समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह मामला राजनीतिक लाभ के लिए बनाया गया था और इसमें देरी हुई। मैं एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ट्रायल चाहता हूं ताकि पूरे देश को पता चले कि कैसे राजद्रोह जैसे कानून का दुरुपयोग हो रहा है। कन्हैया कुमार ने कहा कि जब पहली बार चार्जशीट दाखिल की गई थी जब मैं चुनाव लड़ने वाला था और अब बिहार में फिर से चुनाव होने वाले हैं।
Kanhaiya Kumar: It is clear that this matter was created & delayed for political benefit. I want a speedy trial in a fast-track court so that the entire country gets to know how a law like Sedition is being misused. https://t.co/YrEx6CDJ1W
— ANI (@ANI) February 28, 2020
तारीख 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने का वीडियो सामने आया था। जिसके बाद जांच की गई औऱ फिर कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। जेएनयू के इस मामल में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान, आकिब हुसैन, मुजीब, उमर गुल, बशरत अली व खालिद बसीर सहित 10 लोगों के खिलाफ अदालत में 14 जनवरी 2019 को आरोपपत्र दाखिल किया था। लेकिन तब दिल्ली सरकार ने इस मामले मे देश द्रोह के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी थी।
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दिल्ली सरकार का उस वक्त कहना था कि दिल्ली पुलिस ने नियमों का उल्लंघन किया है। बिना सरकार की अनुमति के आरोप पत्र दाखिल किया गया था। बाद में दिल्ली सरकार ने कहा था कि इस मामले में कानूनी राय ली जा रही ।हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने इस मामले को उछाला था और आम आदमी पार्टी को घेरने की कोशिश की थी। जिस पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस मामले में जल्द कार्रवाई के संकेत दिए थे।