उत्तराखंड के केदारनाथ से बीजेपी की विधायक शैला रानी रावत का मंगलवार देर रात निधन हो गया। वह 68 वर्ष की थीं। शैला रानी रावत ने देहरादून के मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। रावत पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में वेंटिलेटर पर थीं। रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिवार के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह 11:00 बजे गुप्तकाशी के त्रिवेणी घाट पर किया जाएगा।
केदारनाथ विधानसभा से लोकप्रिय विधायक श्रीमती शैला रानी रावत जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार प्राप्त हुआ। उनका जाना पार्टी और क्षेत्रवासियों के लिये अपूरणीय क्षति है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और जनसेवा के प्रति समर्पण भाव को सदैव याद रखा जाएगा।
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— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 10, 2024
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शैला रानी रावत के निधन पर शोक वयक्त किया है। उन्होंने लिखा, “केदारनाथ विधानसभा से लोकप्रिय विधायक श्रीमती शैला रानी रावत जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार प्राप्त हुआ। उनका जाना पार्टी और क्षेत्रवासियों के लिये अपूरणीय क्षति है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और जनसेवा के प्रति समर्पण भाव को सदैव याद रखा जाएगा। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों व समर्थकों को यह असीम कष्ट सहने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। ॐ शांति!
2012 में विधायक चुनी गईं
बीजेपी विधायक रावत कुछ समय पहले गिर गईं थीं, तब से वो लगातार बीमार चल रहीं थीं। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में वो पौड़ी से सांसद चुने गए अनिल बलूनी के प्रचार में एक्टिव रही थीं। उनका राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू हुआ था। शैला रानी रावत ने 2012 में कांग्रेस के टिकट पर केदारनाथ सीट से चुनाव जीतकर पहली बार उत्तराखंड विधानसभा में जगह बनाई थी। हालांकि, 2017 में रावत चुनाव हार गई थीं।
इसके बाद 2022 में वह बीजेपी के टिकट पर एक बार फिर केदारनाथ से विधायक निर्वाचित हुईं। रावत कांग्रेस के उन 10 विधायकों में शामिल थीं, जिन्होंने 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत कर दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे।