सस्ता स्कूटर खरीदते समय इन 5 चीजों का रखें ख्याल, नहीं तो पड़ सकता है महंगा

आजकल एक नया स्कूटर खरीदना तो बेहद आसान है लेकिन जब हम एक पुराना स्कूटर खरीदने की सोचते हैं तो मन में अक्सर कई सवाल घूमने लगते हैं। क्योंकि पुराने स्कूटर को खरीदने के बाद अक्सर लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं और कई बार तो पुलिस से आमना-सामना भी होता है। इस रिपोर्ट में हम आपको 5 ऐसी बड़ी बातें बता रहे हैं जिनको जानने के बाद आप आसानी से और बिना किसी परेशानी के अपने बजट में बढ़िया सेकंड हैंड स्कूटर खरीद पायेंगे।

आप जो भी सेकंड हैंड स्कूटर खरीदने जा रहे हैं, तो डील फाइनल करने से पहले सर्विस रिकॉर्ड जरूर देखें, इससे आपको इस बात का पता चल जाएगा कि स्कूटर की सर्विस कब और कितनी बार हुई है। सर्विस रिकॉर्ड से यह भी पता चल जाएगा कि इंजन ऑयल सही समय पर बदलवाया है या नहीं। इसके अलावा स्कूटर की RC और अन्य पेपर्स को ठीक से चेक करें। याद रहे सभी डाक्यूमेंट्स ओरिजल होने जरूरी हैं, फोटो स्टेट या कॉपी पर भरोसा न करें। इतना ही नहीं स्कूटर को ठीक से देख लें कहीं कोई डेंट तो नहीं, इतना ही नहीं स्कूटर का कभी कोई एक्सीडेंट हुआ है या नहीं यह भी जांचें।

सेकंड हैंड स्कूटर खरीदने से पहले उससे ठीक चला कर देखें, इससे आपको आइडिया लग जाएगा कि उसकी कंडीशन कैसी है। स्कूटर चलाकर उसका पिकअप, गियर शिफ्टिंग, एक्सिलेरेटर का पता लगाया जा सकता है कि इनमें कोई खराबी तो नहीं है। इसके अलावा टायर्स पर भी नज़र डालें।
सेकंड हैंड स्कूटर खरीदते समय उसका इंश्योरेंस जरूर देख लें, कई बार इंश्योरेंस खत्म हो जाता है और लोग कराते नहीं है। इंश्योरेंस के पेपर्स आपके नाम से ट्रांसफर हो जाए, यह भी सुनिश्चित करा लें। ध्यान रहे कि स्कूटर बेचने की तारीख तक उस स्कूटर का रोड टैक्स चुका दिया गया है या नहीं।

सेकंड हैंड स्कूटर खरीदते समय, ओनर से उसकी NOC जरूर ले लें ,साथ ही ध्यान रखे कि स्कूटर पर कोई लोन तो नहीं चल रहा है,अगर स्कूटर को लोन लेकर बाइक खरीदी गई है तो आपको उस व्यक्ति से ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ लेना जरूरी है। यह सर्टिफिकेट इस बात का प्रमाण होगा कि उसने लोन की सारी रकम चुका दी है।

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