नई दिल्ली। केरल में अभूतपूर्व बाढ़ का कहर एक और तस्वीर भी पेश कर रहा है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ वहां अपने स्वयंसेवकों द्धारा जारी राहत और बचाव कार्य को जोर-शोर से पेश करने में जुटा है. तो, दूसरी तरफ पोप ने अंतर्राष्ट्रीय ईसाई समुदाय से केरल के लोगों की मदद में आगे आने की अपील की है. पोप ने यह भी कहा है कि कैथोलिक चर्च के लोग परेशानहाल लोगों की मदद में पूरी ताक़त से जुटे हुए हैं.
ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप हैं. रविवार को वेटिकन सिटी के वेटिकन स्क्वायर में प्रार्थना सभा को सम्बोधित किया. समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के मुताबिक, पोप ने कहा कि कैथोलिक चर्च केरल के लोगों की मदद के लिए काम कर रहा है. उन्होंने वेटिकन स्क्वायर में एकत्रित लोगों से आपदा में मारे गए लोगों व प्रभावित लोगों के लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया. पोप फ्रांसिस ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भारत के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने व बाढ़ से प्रभावित लोगों को मदद देने का आग्रह किया.
इसके पहले राष्ट्रीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने एक बयान जारी करके बचाव कार्य में संघ के स्वयंसेवकों साथ सेवाभारती और अनेक सामाजिक, धार्मिक एवं स्वयंसेवी संगठनों के कार्य का उल्लेख किया है. भैया जी जोशी ने कहा है कि ये सभी जान जोखिम में डालकर बचाव और राहत के कार्य में दृढ़तापूर्वक सहयोग कर रहे हैं. उनकी तत्परता और सेवा प्रशंसनीय है.
जोशी ने एनडीआरएफ और सेना के अलावा तमाम सरकारी एजेंसियों की भी तारीफ करते हुए राष्ट्रजनों से सहयोग की अपील की है. जोशी के बयान से हटकर इनदिनों सोशल मीडिया पर संघ के स्वयंसेवकों की तस्वीरें भी छाई हुई हैं, इनमें स्वयसेवक संघ की वर्दी में बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच जूझते नजर आ रहे हैं.
यहां, यह जिक्र करना जरूरी है कि संघ केरल में अपने स्वयंसेवकों की ह्त्या की कई घटनाओं को लेकर काफी मुखर रहा है। केरल में कैथलिक ईसाई चर्च बहुत मजबूत है। करीब 19 फ़ीसदी आबादी ईसाई है तो कुल आबादी का करीब 27 फ़ीसदी हिस्सा मुस्लिम है। संघ मानता है कि केरल में बड़े पैमाने पर हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करवाया गया।