हम मंदिरों में श्रद्धालुओं को ईश्वर के चरणों में फल-फूल, रोली-चंदन और विभिन्न प्रकार की मिठाईयां और भी क्या नहीं चढ़ाते. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की एक भगवान ऐसे है जिन्हें चॉकलेट अर्पित किया जाता है. इस भगवान से आपको अपनी मुरादें पूरी करवानी है तो बस एक पैकेट चॉकलेट भेंट कीजिए. प्रसाद में आपको भी चॉकलेट ही मिलेगा.
लगता है चॉकलेट का भोग
भारत में धर्म विशेषकर सनातन या हिन्दू धर्म पर नजर डालें तो मिलता है कि यहां तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं की पूजा की जाती है और इसलिए भारत को मंदिरों का देश और रिलिजियस टूरिज्म का हब भी कहा जाता है. अपने देश में मौजूद मंदिरों को देखें तो इन मंदिरों का वास्तु कौशल, कलात्मकता और रचनात्मकता किसी भी व्यक्ति को अपनी तरफ आकर्षित कर लेगी. ऐसे ही एक अनुठे मंदिर के बारे में बताते हैं जहां चढ़ने वाला प्रसाद और और प्रसादों से अलग और थोड़ा विचित्र है. इस मंदिर में देवता को ना तो लड्डू पसंद है ना ही छप्पन भोग पसंद है और ना ही सेब संतरा. यहां देवता थोड़े मॉर्डन हैं और चॉकलेट खाने और बांटने का शौक रखते हैं.
भारत के वेनिस नाम से मशहूर केरल का अलेप्पी शहर में स्थित ‘थेक्कन पलानी बालसुब्रमण्य मंदिर’ में जहां मंदिर के प्रमुख देवता ‘मुरुगन स्वामी’ यानी शिव पार्वती के पुत्र कुमार कार्तिकेय हैं जिनको फल-फूल नारियल माला और अगरबत्ती से मतलब नहीं, उन्हें तो मतलब सिर्फ ढेर सारी चॉकलेट से. मंदिर के पुजारी के अनुसार मुरुगन स्वामी को चॉकलेट का भोग लगाया जाता है. मंदिर में सभी जाति धर्म और समुदाय के लोग दूर दूर से आते हैं और वो चढ़ावे के रूप में चॉकलेट चढ़ाते है.
“मंच मुरुगन”
बालसुब्रमण्यम मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जहां श्रद्धालु भगवान को चॉकलेट चढ़ाते हैं और उन्हें पूजा के बाद प्रसाद के रूप में भी चॉकलेट ही दी जाती है. कस्बे के बाहरी इलाके में सुब्रहमण्यपुरम में स्थित इस मंदिर में विराजमान भगवान को ‘मंच मुरगन’ के नाम से जाना जाता है. ख़ास बात है कि एक मशहूर चॉकलेट ब्रांड “मंच” से जोड़ते हुए यहाँ के स्थानीय लोगों द्वारा भगवान ‘मुरुगन’ को “मंच मुरगन” के नाम से जाना जाता है. यहां के पुजारियों का ये भी कहना है कि इस मंदिर में भगवान मुरुगन के बाल स्वरुप की पूजा होती है और जैसा कि बच्चों को चॉकलेट बहुत पसंद होती है उसी तरह भगवान मुरुगन भी चॉकलेट के शौक़ीन हैं.
बच्चे चढ़ाते थे चॉकलेट
इस मंदिर में भगवान मुरुगन के बालरुप की पूजा होती है और इसलिए यह मंदिर बच्चों में बहुत प्रसिद्ध है. मंदिर के पूजारी की माने तो शुरु में बच्चे मंदिर में आकर भगवान मुरुगन को चॉकलेट चढ़ाते थे. धीरे धीरे मंदिर आने वाले सभी लोगों ने देवता को चॉकलेट चढ़ाना शुरू कर दिया.