चेतनात्मक मुद्रा से करें खुद को जागृत, करें ये आसन

आज की तेज़ चलती जिंदगी में अपने मन को शांत और एकाग्र रखना किसी चुनौती से कम नहीं है. दिनभर की थकान के बाद अगर आप कुछ समय अपने आपको नहीं दे पाते, तो आप तनाव ग्रस्त हो सकते हैं.

शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ रहने के लिए योगासन बहुत जरूरी है. लेकिन इस व्यस्त जिंदगी में योगासन के लिए समय निकालना बहुत मुश्किल हो जाता है.

ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे योगासन के बारे में, जिसके लिए आपको अतिरिक्त समय निकालने की जरूरत नहीं है, और इसे आप बिना मेहनत के कर सकते हैं. इस योगासन का नाम है शवासन.

शवासन करने की विधि

  • पीठ के बल लेट जाएँ और हांथो को शरीर से दूर जमीन पर रखें.
  • हथेली आसमान की तरफ आधी खुली हुई होनी चाहिए.
  • आँखों को बंद करके शव की तरह लेटे रहें.
  • लगातार धीमी तथा गहरी सांस लेकर छोड़ें और अपना ध्यान केन्द्रित करें.
  • अपना ध्यान शरीर के सभी अंगों पर ले जाएँ, और शरीर को विश्राम दें.
  • पूर्णतः विश्राम का अनुभव होने के बाद बायीं तरफ मुड़ें और इस अवस्था से उठ जाएँ.

संस्कृत में ‘शव’ का अर्थ है ‘मृत शरीर’. इसे शवासन इसलिए भी कहते हैं कि इसमें शरीर बिल्कुल मृत शरीर के सामान लगता है. शरीर को शिथिल कर देने वाला ये आसन हमें जागृत करता है. इसमें शरीर का पूरी तरह से एकाग्र होना जरूरी है. यह एक चेतनात्मक मुद्रा है.

यह आसन हमारे शरीर को पुनर्जीवित कर मन को संतुष्टि पहुचाता है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है. हर सुबह नियमित रूप से यह आसन करने से आत्मविश्वास बढ़ता है.

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