Wednesday, April 2, 2025

जस्टिन ट्रूडो को पीएम मोदी ने दी ये नसीहत, कनाडा के पीएम ने बधाई देते हुए गाया था मानवाधिकार और कानून का राग

नई दिल्ली। कनाडा और भारत के रिश्ते काफी तनाव वाले हैं। इसकी वजह खालिस्तानी तत्वों को कनाडा में शरण दिया जाना है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या का ठीकरा कनाडा ने भारत पर फोड़ा और इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में और खटास आई। अब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पीएम नरेंद्र मोदी को फिर सत्ता संभालने पर बधाई देते हुए मानवाधिकार और कानून का राग गाया। इस पर पीएम मोदी ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को धन्यवाद तो दिया, लेकिन साथ ही नसीहत भी दे दी।

पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो के बधाई संदेश के लिए धन्यवाद दिया और एक्स पर रिप्लाई करते हुए कहा कि आपसी विश्वास को आधार बनाकर कनाडा के साथ भारत काम करना चाहता है। इसके बाद ही मोदी ने लिखा कि एक-दूसरे की चिंताओं का भी भारत और कनाडा को सम्मान करना होगा। मोदी का ये जवाब कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के लिए बड़ी नसीहत है कि दोनों देशों को अपने रिश्तों में सुधार लाने के लिए क्या करना चाहिए। देखिए जस्टिन ट्रूडो ने अपने बधाई संदेश में क्या लिखा था और मोदी ने किस तरह नसीहत दी।

दरअसल, कनाडा में लगातार खालिस्तानी तत्व सिर उठा रहे हैं। भारतीय उच्चायुक्त को खालिस्तानी घेर चुके हैं। तमाम मंदिरों पर नारे लिखे। वहीं, महात्मा गांधी की प्रतिमा भी तोड़ दी। खालिस्तानी तत्वों ने इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी भी निकाली थी। भारत लगातार कहता रहा है कि कनाडा ऐसे खालिस्तानी और भारत विरोधी तत्वों पर कार्रवाई करे, लेकिन जस्टिन ट्रूडो की सरकार जवाब में अभिव्यक्ति की आजादी का राग गाने लगती है। जून 2023 में जब कनाडा के सर्रे शहर में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई, तो कनाडा पुलिस ने जांच शुरू की। इसके बाद जी-20 के सम्मेलन में जस्टिन ट्रूडो भारत आए। ट्रूडो ने भारत से लौटते ही कनाडा की संसद में बयान दिया कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों का हाथ है। जबकि, अब तक कनाडा इस बारे में भारत को कोई सबूत नहीं दे सका है। बीते दिनों जस्टिन ट्रूडो तो बाकायदा ऐसे कार्यक्रम में भी गए थे, जहां भारत विरोधी बयानबाजी हो रही थी।

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