नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं। ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गुरुवार रात शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने अरविंद केजरीवाल पर तमाम आरोप लगाए हैं। इसके साथ आम आदमी पार्टी के लिए भी ईडी के आरोप और सबूत दिक्कत का सबब बन सकते हैं। कोर्ट में ईडी ने कहा कि केजरीवाल ने कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए शराब नीति बनाई और कारोबारियों से रिश्वत लेने का रास्ता खोला। ईडी ने अरविंद केजरीवाल की रिमांड लेने के लिए 32 पन्नों का दस्तावेज कोर्ट में दिया था। इस दस्तावेज में शराब घोटाला का किंगपिन यानी पहला आरोपी अरविंद केजरीवाल को बताया गया है। ईडी का कहना है कि शराब घोटाला करने के लिए केजरीवाल अपने डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया से लगातार संपर्क में रहे।
ईडी ने कोर्ट में दावा किया है कि शराब घोटाला कर जो रिश्वत ली गई, उस रकम का पता लगा लिया गया है। ईडी के मुताबिक शराब घोटाला में आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपए मिले और इसका इस्तेमाल गोवा में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए किया गया। गोवा में आम आदमी पार्टी के एक उम्मीदवार ने इसकी पुष्टि की है। उसे पार्टी ने प्रचार के लिए नकद में रुपए दिए थे। ईडी का दावा है कि गोवा में आम आदमी पार्टी का प्रचार करने में सर्वे करने वाले, विधानसभा सीटों का प्रबंधन देखने वाले और क्षेत्रीय मैनेजरों को आम आदमी पार्टी ने नकद में भुगतान किया। आम आदमी पार्टी से जुड़े विजय नायर और दुर्गेश पाठक पर इस मैनेजमेंट का आरोप है।
ईडी ने कोर्ट में कहा है कि अरविंद केजरीवाल पर लगे आरोपों की पुष्टि फोन कॉल डेटा से भी होती है। साउथ कार्टेल को फायदा देने के बदले रिश्वत लिए जाने की बात ईडी ने कही है। साउथ कार्टेल के मसले पर ईडी पहले ही तेलंगाना के सीएम रहे चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को गिरफ्तार कर चुकी है। ईडी ने एक आरोप ऐसा भी लगाया है, जिससे आम आदमी पार्टी को भी दिक्कत हो सकती है। जांच एजेंसी के मुताबिक आम आदमी पार्टी एक कंपनी जैसी है। शराब घोटाला के समय अरविंद केजरीवाल पार्टी के प्रमुख रहे। इसलिए उनपर पीएमएलए यानी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 4 और धारा 70 के तहत केस दर्ज किया गया है।