नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में बड़ा बयान दिया। अमित शाह ने कहा कि विभाजन करने की कोशिश करने वालों से हाथ जोड़कर निवेदन करते हैं कि वे वक्त को पहचानें। अमित शाह ने ऐसा करने वालों से कहा कि वे देश की तरक्की के लिए काम करें। इस बयान के अलावा अमित शाह ने ये भी कहा कि नीति के आधार पर चलने वाला राज्य भारत है। उन्होंने कोरोना काल में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के किए गए काम गिनाए। गरीब के घरों में अनाज पहुंचाने का भी अमित शाह ने उल्लेख किया। नीचे सुनिए राम मंदिर पर लोकसभा में हुई चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह का पूरा संबोधन।
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि पूरी दुनिया मोदी जी के नेतृत्व को स्वीकार कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन के खिलाफ भी देश खड़ा रहा। अमित शाह ने कहा कि मैं जनता के मन की बात देश के सामने रखना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि जो आवाज वर्षों से अदालत के कागजों में दबी हुई थी।
गृहमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी 2024 के बारे में भले कुछ लोग कुछ भी कहें, लेकिन वो दिन दस सहस्र से भी ज्यादा वर्षों के लिए ऐतिहासिक बना रहेगा। अमित शाह ने कहा कि 1528 से चल रहे संघर्ष और अन्याय के खिलाफ लड़ाई की जीत का दिन है। 22 जनवरी समग्र भारत की आध्यात्मिक चेतना के फिर से जागरण का दिन है। उन्होंने कहा कि देश की कल्पना राम और राम के चरित्र बगैर नहीं हो सकते। संविधान की पहली प्रति से लेकर महात्मा गांधी के आदर्श भारत की कल्पना तक राम का नाम लिया जाता रहा।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "22 जनवरी का दिन महान भारत की यात्रा की शुरुआत का दिन है। ये दिन मां भारती विश्व गुरु के मार्ग पर ले जाने को प्रशस्त करने वाला दिन है। इस देश की कल्पना राम और रामचरितमानस के बिना नहीं की जा सकती। राम का चरित्र और राम इस देश के जनमानस का प्राण है। https://t.co/AS2Wv3hYNL pic.twitter.com/jok9YjdZrr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 10, 2024
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कई भाषाओं, संस्कृतियों और धर्मों में रामायण का जिक्र है। कई देशों ने रामायण को स्वीकारा और आदर्श ग्रंथ के तौर पर प्रस्थापित किया। उन्होंने कहा कि राम और रामायण से अलग देश की कल्पना नहीं हो सकती। अमित शाह ने कहा कि आंदोलन से अनभिज्ञ होकर इस देश के इतिहास को पढ़ा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि 1990 से आंदोलन ने गति पकड़ी, लेकिन पहले से ही बीजेपी ने देश की जनता से वादा किया था और पालमपुर में प्रस्ताव पारित कर कहा था कि राम मंदिर निर्माण को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि बीजेपी और पीएम मोदी जो कहते हैं, वो करते भी हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग प्रतिक्रिया दे रहे थे। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच के फैसले से सहमत हैं या नहीं, आप फैसले से कन्नी कैसे काट सकते हैं। अमित शाह ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भारत के पंथ निरपेक्ष चरित्र को उजागर करने वाला भी बताया।