नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन ही सबसे मजबूत हथियार है. ब्रिटेन ने 68 प्रतिशन वैक्सीनेशन के बाद पाबंदियां हटा दीं. लेकिन ऐसी स्थिति से भारत समेत कई देश काफी दूर हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोविड-19 टीके की 41 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं । देश भर में 18 से 44 साल के कुल 12,73,70,809 लोगों को पहली खुराक और 50,58,284 लोगों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है।
सरकार ने दिसंबर तक देश के हर व्यस्क नागरिक के टीकाकरण का टारगेट रखा है. लेकिन वैक्सीनेशन जिस रफ्तार से चल रहा है उस हिसाब से ये टारगेट पूरा होता हुआ नहीं दिख रहा. इस बीच दुनिया में तीसरी लहर की शुरुआत ने चिंता बढ़ा दी हैं.
दुनिया के किस देश में कितने प्रतिशत वैक्सिनेशन
भारत- 6.3 %
अमेरिका- 48.21 %
कनाडा- 49.70 %
इटली- 43.70 %
ब्राजील- 15.99 %
रूस- 14.18 %
जापान- 21.67 %
UAE- 12.08 %
मलेशिया- 14.00 %
द. कोरिया- 12.81 %
भारत में टीकाकरण – पिछले 10 दिन का आंकड़ा
10 जुलाई – 37.23 लाख
11 जुलाई – 12.35 लाख
12 जुलाई – 40.65 लाख
13 जुलाई – 37.14 लाख
14 जुलाई – 34.97 लाख
15 जुलाई– 38.78 लाख
16 जुलाई– 42.12 लाख
17 जुलाई– 51.01 लाख
18 जुलाई– 13.63 लाख
19 जुलाई– 52.67 लाख
जाइडस कैडिला को अबतक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन नहीं मिला है. वहीं जिस बायोलॉजिकल-ई से सरकार ने एडवांस में 30 करोड़ डोज खरीदी है उसका तीसरे चरण का ट्रायल खत्म नहीं हुआ है. स्पुतनिक वैक्सीन अभी तक इंपोर्ट हो रही है पर उतनी संख्या में नहीं कि भारत की जरूरतों को पूरा कर सके, हालांकि जल्द इसका निर्माण देश मे होगा.
मॉडर्ना की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन मिल चुकी है लेकिन भारत में अबतक वैक्सीन आई नहीं है और कब तक आएगी ये भी साफ नहीं. सबसे बड़ी बात तो ये है कि वैक्सीन बनने के बाद की प्रक्रिया भी लंबी होती है. क्योंकि CDL लैब कसौली से बैच क्लियर होने के बाद ही वैक्सीन टीकाकरण के लिए मिलती. इसलिए दवा के बनने और उसके टीकाकरण के लिए उपलब्ध होने में अंतर होता है.