प्याज की बढ़ती कीमतों के बाद हर साल घर का बजट और खाने का स्वाद बिगड़ता है। लेकिन अगर कीमतों से जुड़े कलेंडर को जान पाए तो समझ जाएंगे कि प्याज का भाव किस समय अपने उतार और चढ़ाव के दौरा से गुजरता है। तो चलिए हम आपको उन दिनों से जुड़े केल्यूलेशन के बारे में बताते हैं जिसको मैनेज कर आप प्याज की कीमतों को अपने बजट के अनुसार ढाल सकते हैं। जिससे महंगाई के समय भी थाली का जायका कम न हो। कैसे आइये आपको बताते हैं।
कब बढ़ती है प्याज की कीमत?
वैसे तो प्याज आपको हर सीजन में मिलेगी। लेकिन भारत में प्याज की खेती के तीन ही सीजन है। पहला खरीफ, दूसरा जायद और तीसरा रबी। खरीफ सीजन में प्याज की बुआई जुलाई-अगस्त महीने में की जाती है। खरीफ सीजन में बोई गई प्याज की फसल अक्टूबर दिसंबर में बाजार में आती है और तब तक दूसरे सीजन की प्याज अक्टूबर नवंबर में खेतों में बो दी जाती है जो जनवरी मार्च तक तैयार हो जाती है। वहीं, प्याज की तीसरी फसल रबी की होती है। इसमें दिसंबर जनवरी में बुआई होती है और फसल मार्च से लेकर मई तक तैयार होती है। एक अनुमान के आधार पर देखा जाए तो प्याज के कुल उत्पादन का 65 फीसदी रबी सीजन में होता है। यानी मई के बाद मार्केट में अगली फसल अक्टूबर महीने में पहुंचती है। ऐसे में प्याज अगस्त-सितंबर और फरवरी-मार्च के महीने महंगी होती है। इसके अलावा जून में भी इसके भाव में इजाफा होता है लेकिन ऐसा कम ही देखा जाता है।
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इस कैलेंडर के आधार पर कहा जा सकता है कि अगर मई में प्याज की आवक के बाद उनका स्टोरेज ठीक से हो पाया तो जून और जुलाई के महीने ठीक-ठाक निकलते हैं। लेकिन गर्मी ज्यादा होने पर जून के महीने में भी प्याज महंगी हो सकती है, क्योंकि देश में प्याज के भंडारण की क्षमता काफी कम है और ज्यादा गर्मी में ये बड़ी मात्रा में खराब होने लगता है, ऐसे में दाम बढ़ जाते हैं.
अगस्त-सितंबर में कम होती है प्याज की आवक
इस केल्यूलेशन के तहत समझा जाए तो मई के बाद प्याज की अगली फसल अक्टूबर में आती है और इस बीच अगस्त सितंबर महीने में प्याज की आवक काफी कम हो जाती है। इन महीनों में प्याज के आवक में कमी की वजह से कीमतें बढ़ती हैं। उधर नई फसल आने में नवंबर आ जाता है। यही वजह है कि प्याज की कीमत 100-150 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है। दूसरी ओर बारिश के मौसम में नमी की वजह से प्याज सड़ने की वजह से भी इसकी कीमत बढ़ती है।
प्याज का मैनेजमेंट कैसे करें ?
प्याज की बढ़ती कीमत घर का बजट और खाने का स्वाद बिगड़ना लाजमी है। लेकिन ऐसा ना उसके लिए हम प्याज को अच्छी तरह सुखाकर रख सकते हैं। जो प्याज कैलेंडर के हिसाब से महंगे होने के वक्त से कुछ दिन पहले खरीदकर रखे जा सकते हैं। कई बार प्याज को तलकर या भूनकर भी रखने से प्याज कुछ और दिन तक इस्तेमाल के लायक रहती है। हालांकि जब प्याज की आवक कम होने वाली हो, तो हम किचन गार्डेन में प्याज को उगाकर इसकी पत्तियां फ्लेवर के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।