जानिए भगवान शिव और विष्णु की सवारी कौन है और क्या है उनका महत्व
हम सभी जानते हैं कि भगवान की पूजा का हमारे जीवन में कितना महत्व होता है. हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. दरअसल आज हम आपको बताएंगे कि किस भगवान की क्या सवारी है और उन्होंने वह सवारी अपने लिए क्यों चुनी है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
सभी जानते हैं कि भगवान विष्णु त्रिदेवों में एक हैं और उन्होने इस धरती को पापमुक्त करने के लिए कई अवतारों को लिया है. आपने पुराणों में सुना होगा कि भगवान विष्णु की सवारी गरुड़ पक्षी है. बता दें कि गरुड़ पक्षी को दिव्य शक्तियों का प्रतीक माना जाता है.
त्रिदेवों में भगवान शिव भी शामिल है. जैसा कि सभी जानते हैं कि भगवान शिव कैलाश पर्वत में वास करते हैं और उनका वाहन नंदी है. नंदी बैल को आस्था और विश्वास का प्रतीक माना जाता है. जिस तरह भगवान शिव संसार की मोह माया से दूर हैं उसी तरह नंदी बैल भी इन सब से परे हैं.
सभी जानते हैं कि भगवान गणेश जी की सवारी मूषक जी का माना गया है. बता दें कि मूषक शब्द का अर्थ है लूटना. जैसा कि सभी जानते हैं कि चूहा आपके घर के सामान को चुरा लेते हैं और स्वार्थ भाव रखता हैं. गणेश जी ने मूषक को अपना वाहन इसलिए बनाया ताकि स्वार्थ पर जीत का प्रतीक बन सकें.