कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। इस मुद्दे पर सोमवार को पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट और ऑल नेशनल आरडीए (आरगनाइज्ड डॉक्टर्स एसोसिएशन) ने कोलकाता प्रेस क्लब में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान डॉक्टरों ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए और अपनी मांगें भी प्रस्तुत कीं।
डॉक्टरों की मुख्य मांगें
डॉक्टरों ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि उनकी एकमात्र मांग है कि पश्चिम बंगाल सरकार उनकी बात सुने और मुख्यमंत्री के साथ हुई बातचीत के मिनिट्स उन्हें उपलब्ध कराए जाएं। इसके साथ ही, उन्होंने तात्कालिक कार्रवाई की मांग की और कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी होती हैं, तो वे काम पर लौटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
उठाए गए सवाल
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर अरिशा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि पूरी सीसीटीवी फुटेज सीबीआई को क्यों नहीं सौंपी गई, चालान कहां है, और पीड़िता का अंतिम संस्कार इतनी जल्दी क्यों किया गया। अरिशा ने यह भी आरोप लगाया कि डीसी नॉर्थ ने पीड़िता के परिवार को पैसे की पेशकश कर अपराध को छुपाने की कोशिश की है।
डॉ अरिशा ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि 15 अगस्त को जब उग्र भीड़ ने डॉक्टरों पर हमला किया, तब पुलिस कमिश्नर ने इस हमले की जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की। उन्होंने दोषियों को सख्त सजा देने और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हटाने की भी मांग की।
डॉक्टरों की प्रमुख मांगें
डॉक्टरों ने अपनी प्रमुख मांगों में शामिल किया है:
- अक्षम और लापरवाह पुलिस अधिकारियों को उनके पद से हटाया जाए।
- कोलकाता पुलिस कमिश्नर, डीसी नॉर्थ और डीसी सेंट्रल पर कार्रवाई की जाए।
- सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- हर ऑन कॉल रूम में पैनिक बटन इंस्टॉल किया जाए।
- सरकारी स्वास्थ्य में थ्रेट कल्चर को खत्म करके हर मेडिकल कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव आयोजित किया जाए।