करतारपुर साहिब पर पाकिस्तान से वार्ता को तैयार भारत, लेकिन…

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यदि पाकिस्तान के साथ करतारपुर साहिब पर वार्ता होती है, तो हम जनभावना का ध्यान रखेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा की यदि पाकिस्तान की तरफ से करतारपुर साहिब पर वार्ता की इच्छा ज़ाहिर की जाती है, तो भारत अपनी जनता की भावनाओं को ध्यान में रख कर वार्ता करेगा। उन्होंने कहा कि करतारपुर साहिब के दर्शन की सुविधा यहाँ के तीर्थयात्रियों को दिए जाने की मांग काफी पुरानी है।

करतारपुर के लिए भारत प्रतिबद्ध
करतारपुर साहिब कारीडार के तेज़ी से विकास के लिए इसी महीने तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक का प्रस्ताव भारतीय विदेश मंत्रालय पाकिस्तान को दे चुका है। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि भारत सरकार गलियारे के द्वारा सुरक्षित और आसान तरीके से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का दर्शन भारतीय तीर्थयात्रियों को करवाने के लिए कटिबद्ध है। इस प्रस्ताव में मांग की गयी है कि बैशाखी और गुरुपर्व जैसे त्योहारों पर अन्य 10000 यात्रियों को दर्शन की अनुमति
दी जाए। भारत और पाकिस्तान पिछले वर्ष नवंबर में करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ने के लिए गलियारा बनाने को सहमत हुए थे। सिख धर्म के संस्थापक गुरनानक देवजी ने अपना अंतिम समय करतारपुर में बिताया था।
करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है। रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से दूरी करीब चार किलोमीटर है।
ग़ैरक़ानूनी विदेशी शरणार्थियों के खिलाफ सख्ती
प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि न्यायालय द्वारा भारत में ग़ैरक़ानूनी तरीके रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के सिलसिले में अदालतों के आदेशों का जल्द पालन करवाया जायेगा। उन्होंने कहा भारत में रह रहे सभी गैरकानूनी शरणार्थियों को उनके देश वापस भेजा जायेगा।

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