नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना संकट के बीच मकान मालिक किराएदारों पर सितम ढा रहे हैं। किराएदारों को किराया देने के लिए मजबूर करने वाले मकान मालिकों पर पुलिस ने कार्रवाई की है। लॉकडाउन के मद्देनजर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा जारी आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने कम से कम आठ मकान मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। डीडीएमए के आदेश से पहले, सीएम अरविंद केजरीवाल ने मकान मालिकों से अनुरोध किया था कि वे एक या दो महीने के लिए किराएदारों पर रेंट के लिए दबाव न बनाएं और यदि संभव हो तो इसे किस्तों में लें।
मुखर्जी नगर से सबसे ज्यादा शिकायतें
पुलिस ने कहा कि उन्होंने मुखर्जी नगर में आठ लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की है जो एक लोक सेवक की अवज्ञा करने से संबंधित है। दोषी पाए जाने पर, एक व्यक्ति को एक महीने तक की जेल हो सकती है, या 200 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। मामलों से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि कोटला मुबारकपुर में एक और व्यक्ति के खिलाफ एक ही धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उत्तर-पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त विजयंत आर्य ने बताय कि 22 अप्रैल के डीडीएमए के आदेश के निर्देशों के अनुसार इन लोगों पर कार्रवाई की गई है। इस आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि घर के मालिक एक महीने के लिए प्रवासी श्रमिकों से किराए की मांग नहीं करेंगे। इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए और गैर-अनुपालन के मामले में, कानूनी कार्रवाई करने के लिए जिला मजिस्ट्रेटों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर शिकायतें मुखर्जी नगर से आ रही हैं। ज्यादातर शिकायतकर्ता प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र हैं। उन्होंने कहा, “अगर वे हमसे संपर्क करते हैं, तो हम इसे मकान मालिकों के साथ सुलझाने की कोशिश करेंगे। यदि मकान मालिक नहीं मानें तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। ”
छात्रा ने सुनाया दुखड़ा
अपनी पहचान को छिपाते हुए एक 22 वर्षीय छात्रा ने कहा, ”बिहार में उसका परिवार पिता के डायबटीज के रोगी होने के बाद आर्थिक संकट से गुजर रहा है, पिता ने संक्रमण के डर से अपना व्यवसाय बंद कर दिया है। मकान मालिक ने मुझे किराया देने या खाली करने के लिए कहा है। लॉकडाउन में घर लौटना संभव नहीं है और ऐसी कोई दूसरी जगह नहीं जहां कुछ दिनों के लिए आसरा मिल सके, मजबूर पुलिस से संपर्क करना पड़ा है।” 20 वर्षीय दूसरी छात्रा ने कहा कि उसके पेइंग गेस्ट (पीजी) को चलाने वाले व्यक्ति ने रसोई में प्रवेश वर्जित कर दिया है। माता-पिता पैसे भेजने में असमर्थ हैं। यह हमारे लिए करो या मरो की स्थिति है। छात्रा ने कहा कि पुलिस के पास जाने से पहले हम दो दिनों तक खाना न मिलने पर फलों और स्नैक्स पर गुजारा करते रहे।
लॉकडाउन में बेरोजगार हुए दिल्ली में रह रहे उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले प्रवासी श्रमिक घर वापसी के लिए दिल्ली-गाजीपुर सीमा पर पहुंच रहे हैं। उनमें से एक रीता ने अपनी व्यता सुनाते हुए कहा, “मेरा घर हरदोई में है। मेरे मकान मालिक ने मुझे बाहर निकाल दिया है क्योंकि मैं किराए का भुगतान नहीं कर सकती। मेरे बच्चे छोटे हैं, अब पैदल घर जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।”
Delhi: Migrant workers reach Delhi-Ghazipur border to return to their homes in different parts of Uttar Pradesh. One of them,Rita,says "My home is in Hardoi. My landlord has kicked me out as I couldn't pay rent. My children are young but there's no other option but to walk home." pic.twitter.com/2dPw1Gh5ZJ
— ANI (@ANI) May 15, 2020