लेबनान में हिजबुल्लाह समूह के 9 सदस्यों की मौत और 3,000 लोगों के घायल होने की घटना ने क्षेत्र में एक नया तनाव पैदा कर दिया है। इस घटना के पीछे इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ होने का शक जताया जा रहा है, जिससे हिजबुल्लाह की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। इस खबर में हम जानेंगे कि ये पेजर विस्फोट कैसे हुए और इजराइल की भूमिका पर विशेषज्ञ क्या कहते हैं।
पेजर विस्फोट का घटनाक्रम
रिपोर्टों के अनुसार, इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने लगभग 5,000 पेजर्स में विस्फोटक लगाकर एक सुनियोजित हमला किया। ये पेजर्स हिजबुल्लाह ने ताइवान की कंपनी ‘गोल्ड अपोलो’ से खरीदे थे। जानकारी के मुताबिक, इस साजिश की योजना बनाने में कई महीने लगे। हिजबुल्लाह के सदस्यों को इन पेजर्स का उपयोग करते समय अंदाजा नहीं था कि ये छेड़छाड़ का शिकार हो चुके हैं।
PETN तकनीक का इस्तेमाल
विशेषज्ञों का कहना है कि हमले में PETN नामक विस्फोटक का उपयोग किया गया, जिसे पेजर के इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में लगाया गया था। यह तकनीक बिना किसी देश की खुफिया सहायता के लागू करना बहुत मुश्किल होता है। ब्रुसेल्स के रक्षा विशेषज्ञ इलिजाह मैग्नियर का कहना है कि इस हमले में इजराइल की संलिप्तता स्पष्ट है।
कैसे हुआ विस्फोट?
जानकारी के अनुसार, इजराइल ने हिजबुल्लाह के पेजर्स पर एक विशेष संदेश भेजा। इस संदेश में वाइब्रेशन के साथ तीन बार “ERROR” लिखा गया था। जैसे ही किसी ने इस संदेश को देखा, पेजर में विस्फोट हुआ। परिणामस्वरूप, कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि अन्य ने अपने अंग खो दिए।
इस विस्फोट के कारण 300 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें कई लोगों ने अपने हाथ और आंखें गंवाई हैं। हिजबुल्लाह के लिए यह हमला एक बड़ा खतरा साबित हुआ है, जिससे उसकी सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। इजराइल ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।
पेजर क्या होता है?
पेजर, जिसे बीपर भी कहा जाता है, एक छोटा और पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसका उपयोग शॉर्ट मैसेज या अलर्ट भेजने के लिए किया जाता है। हिजबुल्लाह के लड़ाके मोबाइल फोन की बजाय पेजर का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि यह ट्रेस करना मुश्किल होता है। यही वजह है कि हिजबुल्लाह ने इन्हें अपनी संचार तकनीक के रूप में चुना है।
इस घटना ने क्षेत्र में एक बार फिर से इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। सभी की नजरें अब इजराइल की प्रतिक्रिया पर हैं, जो इस मामले को लेकर बेहद महत्वपूर्ण होगी।