तीन तलाक बिल नहीं हो पाया पेश, 2 दिन के लिए राज्यसभा स्थगित

3 तलाक बिल सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. जहां मोदी सरकार की अग्नि परीक्षा होने वाली है क्योंकि राज्यसभा में मोदी सरकार के सामने बहुमत चुनौती बन सकता है. वहीं बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही व्हिप जारी करके अपने-अपने सदस्यों को आज ऊपरी सदन में मौजूद रहने का कहा है.

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हंगामा थमने न देख उपसभापति ने सदन की कार्यवाही 2 जनवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है.

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन सुझाव पर चर्चा के लिए हम तैयार हैं लेकिन यह लोग बिल को लटकाएं नहीं.

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि तीन तलाक बिल पर राजनीति सरकार कर रही है और राज्यसभा को रबर स्टंप नहीं है. शर्मा ने कहा कि हम बिल को पारित कराना चाहते हैं लेकिन बिल को पहले सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, क्योंकि बिना जांचे-परखे इस बिल पर मुहर नहीं लगाई जा सकती है.

राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू हो गई है.

सदन में जोरदार हंगामा जारी है. उपसभापति ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी है.

राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए

राज्यसभा में संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की ओर से सेलेक्ट कमेटी में भेजने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया है. मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने पहले इस बिल का विरोध नहीं किया था लेकिन हम कांग्रेस मुस्लिम महिलाओं के न्याय से जुड़े इस बिल को रोकने का काम कर रही है.

गोयल ने कहा कि इस बिल पर राजनीति की जा रही है. मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी बिल को पारित करने की मांग की है लेकिन कांग्रेस सिर्फ देरी कराने के लिए इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग कर रही है.

राज्यसभा में वोटिंग के दौरान NDA की सहयोगी JDU नहीं रहेगी मौजूद -सूत्र

पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में BJP नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें BJP अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, नितिन गडकरी समेत अन्य बड़े नेता भी मौजूद हैं.

केन्द्र सरकार के लिए बड़ा झटका ये भी है कि इन 12 दलों में तमिलनाडु की AIADMK भी शामिल है.

राज्यसभा में बिल के पेश होने से पहले ही करीब 12 राजनीतिक दलों ने सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिख इसे सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की है. इन 12 पार्टियों में कांग्रेस, एनसीपी, टीडीपी, TMC, सीपीआई, सीपीएम और आम आदमी पार्टी जैसे दल शामिल हैं.

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लोकसभा से पास, राज्यसभा में चुनौती

इससे पहले लोकसभा में 3 तलाक बिल को मंजूरी मिल चुकी है. जहां इस विधेयक के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे. वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद राज्यसभा में इस बिल को पशे करेंगे. उन्होंने कहा कि रज्यसभा में भाजपा के पास भले ही पर्याप्त संख्याबल नहीं हो, लेकिन सदन में इस विधेयक को समर्थन मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल इस बिल को प्रवर समिति के पास भेजने के प्रयास में हैं.

ये है राज्यसभा में स्थिति

राज्यसभा में एनडीए के पास 86 सासंद हैं, जिसमें 73 बीजेपी के, जेडीयू के 6, शिवसेना के 3, अकाली दल के 3 और आरपीआई के 1 सासंद शामिल हैं. वही विपक्ष की ताकत यहां मजबूत नजर आ रही है जहां विपक्ष के पास 97 सांसद हैं, जिसमें 50 कांग्रेस के, सपा के 13, टीएमसी के 13, सीपीएम के 5, एनसीपी के 4, बीएसपी के 4 सीपीआई के 2 और पीडीपी के 2 सांसद शामिल हैं. वहीं राज्यसभा में वो दल जो किसी खेमे में नहीं और हालात देखकर अपना रुख तय करते हैं, जिनमें टीआरएस के 6, बीजेडी के 9 और एआईएडीएमके के 13 सांसद हैं. वहीं लोकसभा में वॉकआउट करने के बाद सरकार के समक्ष सवाल खड़ा हो गया कि उच्च सदन में एआईएडीएमके का क्या रुख रहेगा.

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