लखनऊ, राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में जारी लॉकडाउन के चलते यातायात व्यवस्था ठप पड़ी है। साधन न मिलने के बावजूद दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों का घर जाने का सिलसिला जारी है। लंबे सफर पर निकले इन मजदूरों की जान पर बन आई है। आए दिन हो रहे हादसों में अब तक 100 से ज्यादा मजदूर अपनी जान गंवा चुके हैं। हादसों की फिक्र किए बिना मजदूर बड़ी संख्या में पैदल ही या ट्रकों से अपने प्रदेश लौट रहे हैं। इस क्रम में आज उत्तर प्रदेश के औरैया से दुखद खबर आई। डीसीएम से लौट रहे 24 श्रमिकों की औरैया में हुए हादसे में मौत हो गई। इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। ट्वीट कर सरकार और सरकार की सोच पर सवाल खड़े करने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए कांग्रेस अपने स्तर से बसें चलाना चाहती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि सरकार कांग्रेस को 1000 बसों के परिचालन की अनुमति दे। बस का पूरा खर्च कांग्रेस अपनी जेब से वहन करेगी। उन्होंने कहा कि मजदूर राष्ट्र के निर्माता हैं, इनको इस तरह से नहीं छोड़ा जा सकता।
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आज यूपी सरकार को पत्र लिखकर कांग्रेस की तरफ से 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी है।
रोज होती दुर्घटनाएं, असहनीय पीड़ा, अमानवीय हालात। हमारे कामगार भाई-बहन और उनके बच्चे संकट के दौर से गुजर रहे हैं।
मैंने सरकार से पहले भी अपील की है कि कृपया बसें चलाकर पैदल चल रहे.. 1/2 pic.twitter.com/Bw2EOIkgil
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 16, 2020
प्रियंका का यह पत्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचकर दिया। गौरतलब है कि इससे पहले प्रियंका गांधी ने औरैया हादसे को हृदयविदारक बताते हुए सवाल किया था कि आखिर सरकार क्या सोचकर इन मजदूरों के घर जाने की समूचित व्यवस्था नहीं कर रही? प्रदेश के अंदर मजदूरों को ले जाने के लिए बसें क्यों नहीं चलाई जा रहीं?
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कांग्रेस महासचिव ने सवालिया लहजे में कहा कि या तो सरकार को कुछ दिख नहीं रहा या वो सब कुछ देख के अनजान बनी हुई है। क्या सरकार का काम सिर्फ बयानबाजी करना रह गया है? बता दें कि औरैया में हुए सड़क हादसे में 24 मजदूरों की जान चली गई थी, वहीं 15 मजदूर घायल हो गए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती दो थाने के थानाध्यक्ष को निलंबित करने का आदेश देते हुए जिलाधिकारियों से मजदूरों को बस से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।