नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण नई उम्मीदों के साथ मंगलवार (13 फरवरी) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। हालाँकि, उनकी पहली इच्छा अधूरी रह गई। खबर है कि अशोक चव्हाण दिल्ली में बीजेपी में शामिल होना चाहते थे और इस दौरान अमित शाह को उनके साथ मौजूद रहना था. हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने अमित शाह की मौजूदगी के बिना ही उन्हें मुंबई में बीजेपी में शामिल करने पर जोर दिया।
8 दिसंबर 2008 से 9 नवंबर 2010 तक अशोक चव्हाण दो बार राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. आदर्श हाउसिंग घोटाले में नाम आने के बाद अशोक चव्हाण ने मुख्यमंत्री पद का इस्तीफा दिया था. आज अशोक चव्हाण ने भाजपा में शामिल होते वक्त कहा कि पीएम मोदी के विकास की सकारात्मकता देखते हुए वे भाजपा में शामिल हो रहे है. इसी दौरान उन्होंने आदर्श हाउसिंग मामले पर कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला हमारे पक्ष में दिया है.
वहींअशोक चव्हाण के भाजपा में शामिल होने पर महाराष्ट्र कांग्रेस ने जमकर हमला बोला है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि अशोक चव्हाण ईडी और सीबीआई की जांच से बचने के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भाजपा की याददाश्त कमजोर है, या फिर वे सोचते हैं कि जनता मूर्ख है. इसके बाद नाना पटोले ने आरोप, कार्रवाई और नतीजा को लेकर लिखा.
उन्होंने लिखा…
भाजपा का आरोप- पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण तथाकथित आदर्श घोटाले में आरोपी हैं.
कार्रवाई- अशोक चव्हाण के पीछे ईडी और सीबीआई को लगाया गया.
नतीजा- अशोक चव्हाण आखिरकार जांच से तंग आकर भाजपा में शामिल हो गए.
नाना पटोले ने यहां सवाल किया कि जिन्हें आप कल तक भ्रष्ट समझ रहे थे, वे आज अचानक किन गुणों के कारण पूजा करने के लायक हो गए. बेशर्मी की भी अपनी सीमा होती है.
भाजपाची स्मरणशक्ती कमजोर आहे
किंवा ते जनतेला मुर्ख समजतात.भाजपाचे आरोप – माजी मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण हे तथाकथित आदर्श घोटाळ्यातील आरोपी आहेत.
कृती – अशोक चव्हाण यांच्यामागे ईडी, सीबीआय यांचा ससेमीरा लावला
परिणाम- अखेर या जाचाला कंटाळून अशोक चव्हाण भाजपात दाखलआता प्रश्न… pic.twitter.com/P1S04m3EVr
— Nana Patole (@NANA_PATOLE) February 13, 2024
बता दें अशोक चव्हाण ने भाजपा में शामिल होते समय महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि अशोक चव्हाण दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके है. उनको क्या जिम्मेदारी देनी है ये फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा. उधर कयास लगाए जा रहा है कि राज्यसभा के लिए अशोक चव्हाण अपना नामांकन दायर कर सकते हैं.