महुआ मोइत्रा के मामले में एथिक्स कमेटी की 500 पेज की रिपोर्ट तैयार, सांसदी खत्म करने की सिफारिश

महुआ मोइत्रा के मामले में एथिक्स कमेटी

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों में घिरी हैं. कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से महंगे तोहफे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप महुआ पर लगा है। इस मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद के खिलाफ एथिक्स कमेटी में शिकायत दर्ज कराई थी।

वहीं इस मामले पर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट भी सामने आ गई है.सूत्रों के हवाले से खबर है कि मामले की जांच के बाद संसदीय एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। आज शाम 4 बजे महुआ मामले पर एथिक्स कमेटी की बैठक होनी है। पहले यह बैठक 7 नवंबर को होने वाली थी, जिसकी तारीख आगे बढ़ाकर 9 नवंबर कर दी गई थी।

सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के व्यवहार को अनैतिक मानते हुए उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की सिफ़ारिश की गई है। इसके अलावा रिपोर्ट में कई और बिंदुओं पर भी फ़ोकस किया गया है।  महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ आरोप लगाने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया साइट X पर दावा किया है कि इस मामले की CBI जांच होगी। कैश-फॉर-क्वेरी” मामले की सुनवाई कर रही संसद की एथिक्स कमेटी अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट पर विचार कर उसे एडाप्ट कर सकती है।

महुआ मोइत्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अदाणी समूह को निशाना बनाने के लिए संसद में सवाल पूछने के एवज में व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगा है। निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 15 अक्टूबर को एक चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गए 61 सवालों में से 50 सवाल अडाणी समूह पर केंद्रित थे। ये आरोप बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया है। इसे लेकर निशिकांत ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र भी लिखा था. इस पत्र में महुआ को संसद से तत्काल निलंबित करने की मांग की गई थी।

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