सूर्यलोक में वास करने वाली मां कुष्मांडा बुध को कैसे करती हैं नियत्रिंत, देखिए

अतीव सुंदर,मनमोहक मां कुष्मांडा बुद्धि और विद्या की देवी हैं. नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है. मां कुष्मांडा एकमात्र ऐसी देवी हैं जो सूर्यलोक में वास करती हैं. जिनकी कुंडली में बुध कमजोर है तो उन जातकों को मां कुष्मांडा की पूजा करनी चाहिए.

क्या है मां की महिमा-

मान्यता है कि अपनी हल्की हंसी के द्वारा ब्रह्मांड(अंड) को उत्पन्न करने के कारण इनका नाम कुष्मांडा हुआ. ये अनाहत चक्र को नियंत्रित करती हैं. मां की आठ भुजाएं हैं. अतः ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं. संस्कृत भाषा में मां कुष्मांडा को कुम्हड़ कहते हैं और इन्हें कुम्हड़ा विशेष रूप से प्रिय है. ज्योतिष में इनका संबंध बुध नामक ग्रह से है. इस बार मां कुष्मांडा की पूजा 9 अप्रैल को की जा रही है.

मां कुष्मांडा की पूजा विधि –

– हरे वस्त्र धारण करके मां कुष्मांडा का पूजन करें.

– पूजा के दौरान मां को हरी इलायची, सौंफ या कुम्हड़ा अर्पित करें.

– इसके बाद उनके मुख्य मंत्र “ॐ कुष्मांडा देव्यै नमः” का 108 बार जाप करें.

– चाहें तो सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें.

बुध को मजबूत करने के लिए कैसे करें मां कुष्मांडा की पूजा?

मां कुष्मांडा को उतनी हरी इलायची अर्पित करें, जितनी कि आपकी उम्र है. हर इलायची अर्पित करने के साथ “ॐ बुं बुधाय नमः” कहें. सारी इलायचियों को एकत्र करके हरे कपड़े में बांधकर रख लें. इन्हें अपने पास अगली नवरात्रि तक सुरक्षित रखें.

मां कुष्मांडा का मंत्र: मां कुष्मांडा की उपासना इस मंत्र के उच्चारण से की जाती है-

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

नवदुर्गा के नौ प्रसाद-

– मां को आज के दिन मालपुए का भोग लगाएं.

– इसके बाद उसको किसी निर्धन को दान कर दें.

– इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय क्षमता अच्छी हो जाती है.

धन लाभ के लिए क्या करें-

– नवरात्रि में मां को पान के पत्ते पर रखकर गुलाब की पंखुड़ियां अर्पित करें.

– इससे फंसा हुआ या रुका हुआ धन प्राप्त होगा.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles