मध्य प्रदेश सरकार ने वैक्सीन की बर्बादी पर केंद्र के आंकड़ों का किया खंडन

भोपाल: अब मध्य प्रदेश भी उन राज्यों में शामिल हो गया है, जिन्होंने कोविड वैक्सीन की बर्बादी का दावा करने वाले केंद्र के आंकड़ों का खंडन किया है. इससे पहले, गैर बीजेपी शासित राज्य छत्तीसगढ़ और झारखंड ने इस बात से इनकार किया था कि उनके राज्य में वैक्सीन की ज्यादा बर्बादी हो रही है. इस मामले में अब तीन राज्य केंद्र के आंकड़ों को खारिज कर चुके हैं. मध्य प्रदेश पहला बीजेपी शासित राज्य है जो वैक्सीन की बर्बादी पर केंद्र के आंकड़ों से सहमत नहीं है.

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि केंद्र के आंकड़ों की तुलना में राज्य में वैक्सीन की बर्बादी कम हुई है. उन्होंने राज्य के अधिकारियों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क करने का निर्देश दिया है ताकि आंकड़ों को सही किया जा सके. विश्वास सारंग ने कहा, “हमारी गणना के अनुसार, वैक्सीन की बर्बादी 1.3 फीसदी है. मध्य प्रदेश के लिए केंद्र का आंकड़ा काफी अधिक है. यह संभव है कि हमारी ओर से वास्तविक आंकड़े केंद्र को ठीक से नहीं बताए जा सके. हम स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में हैं और आंकड़े ठीक करवा रहे हैं.”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, वैक्सीन की बर्बादी के मामले में झारखंड, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु टॉप पर हैं. इन राज्यों में टीके की बर्बादी राष्ट्रीय औसत से भी काफी ज्यादा है. आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में 37.3 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 30.2 फीसदी और तमिलनाडु में 15.5 फीसदी वैक्सीन की बर्बादी हुई है. वहीं जम्मू-कश्मीर में 10.8 फीसदी और मध्य प्रदेश में 10.7 फीसदी वैक्सीन बर्बाद हुई है. जबकि देश में 6.3 फीसदी कोरोना टीके की बर्बादी हो रही है.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र के आंकड़ों सवाल उठाते हुए कहा, “झारखंड को अब तक जितनी भी वैक्सीन की डोज दी गयी हैं उसमें से केवल 4.65 फीसदी ही बर्बाद हुई हैं. कोविन साइट पर तकनीकी समस्या के चलते राज्य का वैक्सिनेशन डाटा अप्डेट नहीं हो पाया है.”

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