WhatsApp मैसेज फॉरवर्ड करने पर नहीं लिया जाएगा एक्शन, MP हाई कोर्ट ने दिया ये फैसला

इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक सरकारी कर्माचारी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार WhatsApp ग्रुप पर फॉरवर्ड किए गए पॉलिटिकल मैसेज को लेकर व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है। बता दें कि अलीराजपुर के एक सरकारी कर्मचारी पर सिविल सर्विसेज नियम, 1965 के रूल 3 के तहत मुकादमा दायर किया गया था जिसमें उस पर WhatsApp ग्रुप में आपत्तिजनक मैसेज फॉरवर्ड करने का आरोप लगा था। इस ग्रुप में कई सरकारी कर्माचरी शामिल थे.

क्या था मामला?

व्यक्ति ने बताया था कि उसके 6 साल की बेटी उसका फोन इस्तेमाल कर रही थी और उसने अनजाने में ही ग्रुप में मैसेज फॉरवर्ड कर दिया. यह गलती से हुआ था और उसने इसके लिए माफी भी मांगी थी. इस मामले को लेकर कोर्ट ने कहा कि WhatsApp ग्रुप में किसी भी मैसेज को फॉरवर्ड करना 1965 के नियम 3(1)(i) और (iii) के किसी भी प्रोविजन में नहीं आता है. अगर कोई WhatsApp ग्रुप मेंबर कोई मैसेज ग्रुप में फॉरवर्ड करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह उसका पर्सनल ओपिनियन है. जो भी मैसेज टेक्स्ट, फोटो या वीडियो WhatsApp ग्रुप में भेजा जाता है वो ग्रुप के मेंबर तक ही सीमित है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकात है कि मैसेज पब्लिक कर दिया गया था.

कोर्ट ने कहा है कि WhatsApp ग्रुप दोस्तों और घरवालों द्वारा बनाया जाता है जो कि यूजर की ही कॉन्टैक्ट लिस्ट में होते हैं. बिना परमीशन के किसी भी तीसरे व्यक्ति को ग्रुप में एड नहीं किया जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति ग्रुप में नहीं रहना चाहता है तो वो खुद से ग्रुप को एग्जिट या डिलीट कर सकात है. ऐसे में यह एक पर्सनल ग्रुप है जिसका सरकार या ऑफिस से कोई लेना-देना नहीं है.

सरकार ने ऐसा कोई भी प्रोविजन नहीं निकाला है जिसमें यह कहा गया हो कि सरकारी कर्मचारी WhatsApp ग्रुप नहीं बना सकता है या फिर किसी ग्रुप में शामिल नहीं हो सकता है. ऐसे में इसे लेकर कोई एक्शन नहीं लिया जा सकता है.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles