महाकुंभ के आयोजन के दौरान प्रयागराज में बीती रात भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई थी, लेकिन अब प्रशासन ने स्थिति पर काबू पा लिया है और श्रद्धालुओं का स्नान एक बार फिर से शुरू हो गया है। इस घटना के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संगम जाने के बजाय, जहां भी हैं, वहीं स्नान करें। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से दी जा रही सुरक्षा व्यवस्था पर भी ध्यान देने का आग्रह किया गया है।
भगदड़ के बाद स्थिति सामान्य
मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में स्नान के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए थे। इस दौरान भगदड़ मचने की खबर सामने आई थी, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है। कड़ी सुरक्षा के बीच संगम पर स्नान जारी है और श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। प्रशासन द्वारा नए निर्देश दिए गए हैं कि लोग संगम जाने की बजाय, जिस घाट के पास हैं, वहीं स्नान करें।
सीएम योगी का बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए श्रद्धालुओं से अपील की। उन्होंने कहा, “प्रिय श्रद्धालुओं, महाकुंभ-2025 में प्रयागराज आए हैं, मां गंगा के जिस घाट के पास आप हैं, वहीं स्नान करें। संगम की ओर जाने का प्रयास न करें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करें।”
साथ ही, सीएम योगी ने यह भी कहा कि संगम के सभी घाटों पर स्नान शांति से हो रहा है और लोग बिना किसी परेशानी के अपनी आस्था को व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की।
प्रशासन की ओर से तैयार किए गए घाट
महाकुंभ में स्नान के लिए कई घाटों का इंतजाम किया गया है, जहां श्रद्धालु आसानी से स्नान कर सकते हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और लोगों से अपील की है कि वे मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। सीएम योगी ने यह भी कहा कि इस समय अफवाहों पर ध्यान न दें, और शांति बनाए रखें।
संगम पर स्नान जारी
महाकुंभ के बाद एक बार फिर संगम पर स्नान की प्रक्रिया जारी है और श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं। मौनी अमावस्या के मौके पर भारी संख्या में लोग यहां आकर अपनी धार्मिक आस्थाओं को पूरा कर रहे हैं। स्नान करते हुए एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि वह 5 जनवरी से महाकुंभ में मौजूद हैं और रोज़ संगम में स्नान करती हैं। उन्होंने बताया, “आज मैंने संगम में 108 डुबकी लगाई है और मुझे प्रशासन की व्यवस्था पर कोई परेशानी नहीं हो रही है। पुलिसकर्मी भी बहुत मदद कर रहे हैं।”
आध्यात्मिक गुरु की अपील
आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने भी इस समय श्रद्धालुओं से अपील की। उन्होंने कहा, “मैं संगम घाट पर नहीं गया क्योंकि वहां भीड़ बहुत ज्यादा थी। मैंने हजारों लोगों के साथ भगवती गंगा के तट पर स्नान किया। मैं सभी श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि संगम घाट पर स्नान करने की जिद छोड़ दें। जहां भी गंगा-जमना का संगम हो, वहां स्नान करें और सुरक्षित रहें।”
स्वामी रामभद्राचार्य ने भी वही अपील की, “महाकुंभ में क्षमता से ज्यादा लोग आ चुके हैं। कृपया संगम घाट पर जाने की जिद छोड़ दें और अपने नजदीकी घाट पर स्नान करें। इससे आपकी सुरक्षा बनी रहेगी।”
श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर जोर
इस बार महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु एकत्रित हो रहे हैं, और इस बीच उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रशासन ने सुरक्षा के कई इंतजाम किए हैं और लोगों को यह समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि वे संगम जाने की बजाय पास के घाटों पर भी स्नान कर सकते हैं। साथ ही, किसी भी अफवाह का शिकार न बनने और शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।
महाकुंभ का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक भी है। यहां पर लोग अपनी आस्था की डुबकी लगाने आते हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से भी यह आयोजन बेहद संवेदनशील होता है। ऐसे में, प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी है कि वे श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखते हुए उनके आस्थाओं के आदान-प्रदान का अवसर दें।