प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले का समापन अब नजदीक है। महाकुंभ का आखिरी शाही स्नान, जिसे अब अमृत स्नान कहा जाता है, महाशिवरात्रि के मौके पर किया जाएगा। यह स्नान हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है और इसे करोड़ों श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए करते हैं।
महाकुंभ का आखिरी स्नान कब है?
इस बार महाशिवरात्रि की तिथि दो दिन पड़ रही है, जिसके चलते लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है कि महाकुंभ का आखिरी स्नान 26 फरवरी को किया जाएगा या 27 फरवरी को। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगी। वहीं, इस चतुर्दशी तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में पंचांग को देखते हुए महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी और इसी दिन महाकुंभ का आखिरी स्नान किया जाएगा।
महाकुंभ में शाही स्नान का महत्व
महाकुंभ का आखिरी स्नान, जिसे शाही स्नान या अमृत स्नान कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। यह स्नान प्रयागराज की पावन धरती पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने से शरीर और आत्मा दोनों की शुद्धि होती है। साथ ही, आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति भी होती है।
इस बार महाशिवरात्रि का शुभ संयोग भी रहेगा, जो इस स्नान को और भी ज्यादा दुर्लभ बना रहा है। महाशिवरात्रि का यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में यह पर्व महाकुंभ के अमृत स्नान की ऊर्जा और महत्व को और भी ज्यादा बढ़ा रहा है।
महाकुंभ का इतिहास और महत्व
महाकुंभ मेला हर 12 साल में प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। यह मेला गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर होता है। धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से सभी पापों से छुटकारा मिलता है और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस दौरान दुनिया भर से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और पवित्र त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाकर ईश्वर की कृपा प्राप्त करते हैं।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था, जिसके कारण इस दिन का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने और शिवलिंग की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
महाकुंभ का समापन
महाकुंभ का आखिरी स्नान महाशिवरात्रि के दिन किया जाएगा और इस स्नान के साथ ही इस महाकुंभ मेले के समापन हो जाएगा। इस दिन प्रयागराज में करोड़ों श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे और ईश्वर की कृपा प्राप्त करेंगे।