नई दिल्ली। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध अवस्था में सोमवार को मठ में शव मिलने से हड़कंप मच गया। अभी इस बात को लेकर गुत्थी नहीं सुलझ पाई है कि आखिर यह हत्या है आत्महत्या। फिलहाल तो इस बात का खुलासा पुलिस जांच के बाद ही हो पाएगा। वहीं, महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु पर शोक व्यक्त कर चुके सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए इस पूरे प्रकरण की गहन तफ्तीश करने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि, ‘एक-एक घटना की गहन तफ्तीश होगी। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।’ सीएम योगी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, ‘कल की घटना को लेकर बहुत से साक्ष्य एकत्रित किए गए हैं। पुलिस की टीम, यहां के एडीजी जोन, आईजी रेंज और डीआईजी प्रयागराज, मंडलायुक्त प्रयागराज सभी अधिकारी एकसाथ मिलकर इस काम को आगे बढ़ा रहे हैं। एक-एक घटना का पर्दाफाश होगा और दोषी को अवश्य सजा मिलेगी।’
कल की घटना को लेकर बहुत से साक्ष्य इकट्ठे किए गए हैं। पुलिस की एक टीम, यहां के एडीजी जोन, आईजी रेंज और डीआईजी प्रयागराज, मंडलायुक्त प्रयागराज सभी अधिकारी एकसाथ मिलकर इस काम को आगे बढ़ा रहे हैं। एक-एक घटना का पर्दाफाश होगा और दोषी को अवश्य सजा मिलेगी: योगी आदित्यनाथ https://t.co/QWfZYySLSd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 21, 2021
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘इस दुखद घटना से हम सब व्यथित हैं। यह हमारे आध्यात्मिक और धार्मिक समाज की अपूरणीय क्षति है। मान अपमान की चिंता के बगैर उन्होंने प्रयागराज कुंभ को भव्यता के साथ आयोजित करने में योगदान दिया था। समाज और देश के हित में किए जाने वाले हर निर्णय में उनका सहयोग प्राप्त होता था’। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को प्रयागराज में उनके बाघंबरी मठ स्थित आवास पर श्रद्धांजलि दी।
गौरतलब है कि बीते सोमवार को जैसे ही खबर आई है कि महंत नरेंद्र गिरि का उनके मठ में फंदे से लटकता हुआ शव मिला है, तो सभी स्तब्ध हो गए। बहरहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है। उनके कमरे में सात पेज का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है। इससे पहले उनका आनंद गिरि से विवाद भी हुआ था, जो काफी लंबा चला था, लेकिन वार्ता के बाद इस विवाद का पटाक्षेप हो गया था, लेकिन आनंद गिरि को पहले जैसे अधिकार प्रदान नहीं किए गए थे।