भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में एक आंतरिक सर्वेक्षण करवाया. और इस सर्वेक्षण में यह पूर्वानुमान लगाया गया कि अगर भाजपा का शिवसेना के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन हो जाता है तो भाजपा आने वाले लोकसभा चुनाव में 2014 के अपने प्रदर्शन को दोहरा सकती है.
वहीं अगर यह गठबंधन नहीं होता तो शिवसेना को चार से पांच सीटों पर ही चुनाव जीत पाएगी. भाजपा के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि साथ मिल कर चुनाव लड़ने पर दोनों पार्टियों के महाराष्ट्र में 48 में 42 लोकसभा सीटें जीतने की उम्मीद है. हालांकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तो बार-बार कह रहे हैं कि वह भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. भाजपा के मंत्री ने यह दावा किया अगर शिवसेना आगामी चुनाव में गठबंधन करने से इनकार करती है तो भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरेगी लेकिन 2014 की तुलना में कम सीटें जीतेगी.
दरअसल 2014 में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन ने महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों में 40 पर जीत हासिल की थी. इस दौरान भाजपा को 22 और शिवसेना को 18 सीटें मिली थी. और कांग्रेस को महज दो सीट जीत मिली थी. जबकि राकांपा ने कांग्रेस को पिछे छोड़कर पांच सीटों जीत हासिल की थी. भाजपा के मंत्री ने सर्वेक्षण के हवाले से बताया कि अगर भाजपा और शिवसेना का चुनावी गठबंधन नहीं होता है तो भाजपा अपने बूते पर 18 से 20 सीटें जीत सकती है. जबकि कांग्रेस, राकांपा से गठजोड़ के बाद 22 – 24 सीटें जीत सकती है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी हालिया यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से कहा था कि वह शिवसेना के साथ गठबंधन चाहते हैं.
इस विषय पर टिप्पणी करते हुए शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंडे ने कहा की उनकी पार्टी का भाजपा के आतंरिक सर्वेक्षण से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘सर्वेक्षण में हमारे लिए पांच सीटों का पूर्वानुमान किया गया है. मतगणना के दिन हर कोई देखेगा कि हम वास्तव में कितनी सीटें हासिल करते हैं. गठबंधन के बारे में फैसला करना हमारे पार्टी प्रमुख का विशेषाधिकार है.