महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार हो चुका है। इस बार बीजेपी और महायुति (बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी) के कुल 39 नेताओं को मंत्री पद पर शपथ दिलाई गई है। यह समारोह नागपुर स्थित राजभवन में हुआ, जहां राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। यह विस्तार फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के दस दिन बाद किया गया है, और इसमें शिवसेना के एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया है।
कैबिनेट में शामिल मंत्री
इस विस्तार में 39 नेताओं को मंत्री बनाया गया है। इसमें बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के कई प्रमुख नेताओं का नाम शामिल है। इन नेताओं को मंत्री बनाकर सरकार ने अपने गठबंधन को और मजबूत करने का प्रयास किया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे।
बीजेपी के नेता
बीजेपी के कई अहम नेताओं को इस विस्तार में मंत्री बनाया गया है। इनमें कुछ प्रमुख नाम शामिल हैं:
- चंद्रशेखर बावनकुले: महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष, अब मंत्री बने हैं।
- गिरीश महाजन: फडणवीस के करीबी और जामनेर सीट से विधायक।
- चंद्रकांत पाटिल: सीनियर बीजेपी नेता और कोथरूड़ सीट से विधायक।
- पंकजा मुंडे: पूर्व मंत्री और महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्य।
- राधाकृष्ण विखे पाटिल: शिरडी सीट से विधायक और वरिष्ठ बीजेपी नेता।
- आशीष शेलार: मुंबई बीजेपी अध्यक्ष और बांद्रा वेस्ट से विधायक।
- जयकुमार रावल: पूर्व मंत्री और शिंदखेड़ा सीट से विधायक।
इसके अलावा, नितेश राणे, मंगल प्रभात लोढ़ा, पंकज भोयर, गणेश नाइक, और अशोक उइके जैसे नेताओं ने भी शपथ ली।
शिवसेना के नेताओं का योगदान
शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के कई नेताओं को इस विस्तार में मंत्री बनने का मौका मिला। प्रमुख नाम हैं:
- एकनाथ शिंदे: जिन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
- संजय शिरसाट: औरंगाबाद पश्चिम से विधायक।
- गुलाबराव पाटिल: जलगांव ग्रामीण सीट से विधायक।
- दादा भुसे: मालेगांव आउटर से विधायक।
- उदय सामंत: रत्नागिरी विधायक, जो कोंकण क्षेत्र के प्रमुख नेता हैं।
- शंभुराज देसाई: पाटन से विधायक और तीसरी बार जीतने वाले विधायक।
- प्रकाश आबिटकर: शिवसेना नेता और मंत्री।
शिवसेना के इन नेताओं को मंत्री पद मिलना पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पार्टी को पुराने और नए नेताओं को साथ लाने का मौका मिला है।
एनसीपी के नेताओं का योगदान
एनसीपी के कई वरिष्ठ नेताओं को भी इस कैबिनेट विस्तार में मंत्री बनाया गया है। इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
- अदिति तटकरे: पूर्व मंत्री और सुनील तटकरे की बेटी, जिन्होंने उद्योग मंत्रालय संभाला था।
- नरहरि झिरवाल: आदिवासी नेता और डिंडोरी से विधायक।
- हसन मुश्रिफ: कोल्हापुर से विधायक और पूर्व मंत्री।
- धनंजय मुंडे: छत्रपति संभाजी नगर से विधायक।
- सना मलिक: एनसीपी के युवा नेताओं में से एक।
- बाबासाहेब पाटिल: नासिक के प्रमुख नेताओं में से एक।
- दत्तात्रेय भरणे: आदिवासी समुदाय से जुड़े हुए नेता।
इन नेताओं को मंत्री बनने से एनसीपी को राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने का एक और अवसर मिला है।
विविधता से भरपूर मंत्रिमंडल
इस विस्तार में शामिल सभी मंत्री विभिन्न समुदायों, जातियों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह दिखाता है कि सरकार ने हर पार्टी के नेताओं को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के नेताओं का मिश्रण राज्य की राजनीति में एक नया कदम साबित हो सकता है।
शपथ ग्रहण समारोह की हलचल
राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कई घटनाएं हुईं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। शपथ ग्रहण से पहले विधायकों का स्वागत किया गया, और मंत्री बनने के लिए उनका आना जारी था। इस दौरान कुछ हलचलें भी हुईं, जिनमें से एक नाराजगी भी शामिल है।
नाराज शिवसेना विधायक
इस शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एक विवाद भी सामने आया। भंडारा सीट से शिवसेना के विधायक नरेंद्र भोंडेकर को मंत्री पद नहीं दिया गया, जिससे वह नाराज हो गए। उन्होंने शिवसेना के उप नेता और विभागीय समन्वयक पद से इस्तीफा दे दिया। यह घटना यह साबित करती है कि कैबिनेट विस्तार में सभी को संतुष्ट करना मुश्किल होता है और पार्टी में असंतोष भी उभर सकता है।