महाराष्ट्र कैबिनेट का फैसला, सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर मराठा समाज को मिलेगा आरक्षण

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने बताया कि अब राज्य में मराठा जाति के लोगों को सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर आरक्षण दिया जाएगा. सरकार ने यह फैसला आज हुई कैबिनेट बैठक में लिया है. सरकार का यह फैसला पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर लिया है.

मुख्यमंत्री फडणवीस ने फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा बताया कि, “मराठा समाज को आरक्षण देने पर सहमति बन चुकी है। इस संबंध में कैबिनेट की बैठक के दौरान एससीबीसी बिल पर मुहर लगाई गई है। सरकार का मानना है कि मराठा समुदाय शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा हुआ है।”

1 दिसंबर से लागू हो सकती है व्यवस्था

राज्य में मराठा जाति से जुड़े लोग एक अरसे से आरक्षण की मांग करते आ रहे थे. बीते गुरूवार को जब राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा आरक्षण को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की थी उसके बाद  मुख्यमंत्री फडणवीस ने राज्य के मराठा को 1 दिसंबर को जश्न मनाने के लिए तैयार रहेंने को कहा था. अब जब कैबिनेट ने फैसल ले लिया है तो माना जा रहा है कि इस आरक्षण व्यवस्था को 1 दिसंबर से लागू किया जाएगा.

महाराष्ट्र में अब 68 फीसदी आरक्षण

मराठा जाति को आरक्षण देने से पहले राज्य में अभी तक अलग अलग वर्गों को मिलाकर 52 प्रतिशत आरक्षण है. मराठा आरक्षण लागू होने के यह 68 फीसदी पर पहुंच जाएगा. राज्य की फड़णवीस सरकार ने जून 2017 में पिछड़ा वर्ग आयोग को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सर्वेक्षण करने को कहा था। जिसेक बाद आयोग ने 25 हजार परिवारों का सर्वेक्षण किया और करीब दो लाख मराठा समुदाय के सदस्‍यों की शिकायतें सुनीं थी जिसके बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया.

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