हैदराबाद हाईकोर्ट ने जैसे ही वरवर राव की याचिका को खारिज किया, महाराष्ट्र पुलिस ने भीमा-कोरेगांव मामले में नक्सल समर्थक वरवर राव को गिरफ्तार कर लिया है. महाराष्ट्र पुलिस वरवर राव को गिरफ्तार करने के बाद पुणे लेकर आ गई।
वरवर राव पर आरोप है कि वो उन पांच लोगों में शामिल हैं, जिनके संबंध नक्सलियों के साथ हैं। इससे पहले अगस्त में भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस की अगुवाई में देशभर में छापेमारी हुई थी. इस दौरान वरवर राव समेत कई नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था.
नक्सलियों की गतिविधियों को था समर्थन
पहले सुप्रीम कोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी, साथ ही पुलिस को उन्हें नजरबंद रखने का निर्देश दिया था. साल के शुरुआत में पुणे पुलिस ने एक कथित पत्र को जब्त किया था, जिसमें नक्सल गतिविधियों के लिए प्रतिष्ठित तेलुगू कवि वरवर राव के कथित ‘मार्गदर्शन’ को लेकर उनकी तारीफ की गई थी.
ये भी पढ़ेः अंतरिक्ष से कुछ ऐसी दिखती है दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’
कौन हैं वरवर राव
आरोपी नक्सल समर्थक वरवर राव 1957 से कविताएं लिख रहे हैं. इमरजेंसी के दौरान आंतरिक सुरक्षा रखरखाव कानून (मीसा) के तहत गिरफ्तार किया गया था. वरवर, वीरासम (क्रांतिकारी लेखक संगठन) के संस्थापक सदस्य थे. 1986 के रामनगर साजिश कांड के अलावा दूसरे मामलों में 1975 और 1986 के बीच उन्हें कई बार गिरफ्तार और रिहा किया गया। 2003 में उन्हें रामवगर साजिश कांड में बरी किया गया और 2005 में फिर जेल भेज दिया गया था. उन्हें नक्सलियों का समर्थक माना जाता है.