महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों एक नया विवाद सामने आया है, जब शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड ने जनता पर विवादित टिप्पणी की। इस बयान के बाद, गायकवाड की नाराजगी और बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। एक कार्यक्रम में उन्होंने जनता को सख्त शब्दों में फटकारते हुए यह आरोप लगाया कि लोग चुनाव में वोट के बदले शराब, मटन और पैसे की लालच में बिक जाते हैं। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, और राजनीतिक क्षेत्र में इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है।
‘तुम सब को बस शराब, मटन चाहिए’
गायकवाड ने अपने बयान में कहा, “तुम लोग मुझे एक वोट तक नहीं दे सकते, तुम्हें तो बस शराब और मटन चाहिए, हजार-दो हजार रुपए में बिक जाते हो।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र में कई करोड़ों के काम किए, लेकिन इसके बावजूद लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिया। उनका गुस्सा इस बात पर था कि चुनाव में मेहनत करने के बाद भी उन्हें जनता से वह समर्थन नहीं मिला, जिसकी उन्हें उम्मीद थी।
उनकी नाराजगी इस बात से भी झलकती है कि उन्होंने कहा, “मैंने लाखों रुपए खर्च किए, लेकिन फिर भी जीत नहीं पाया।” इस बयान के दौरान गायकवाड ने यह आरोप भी लगाया कि जनता की प्राथमिकता अब चुनावी वादों और काम से ज्यादा शराब, मटन, और पैसे पर केंद्रित हो गई है।
विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर के बाद आए गायकवाड की नाराजगी
गायकवाड का यह बयान समझा जा सकता है, क्योंकि इस बार उन्हें अपने चुनावी अभियान में काफी संघर्ष करना पड़ा। 2025 के विधानसभा चुनाव में वह महज 841 वोटों से जीत पाए, जबकि 2019 में उन्हें 26 हजार वोटों से जीत मिली थी। इस बदलाव के बाद गायकवाड की नाराजगी और उनके बयान की तीव्रता को लेकर सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
गायकवाड के इस बयान से एक सवाल भी उठता है कि क्या उन्होंने अपनी हार के बाद अपनी ही जनता पर आरोप लगाया है। इस बयान को लेकर जहां उनके समर्थक उनकी स्थिति को समझ रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे एक गलत बयान मानकर आलोचना कर रहा है।
संजय गायकवाड का इतिहास विवादों से जुड़ा रहा है
यह पहला मौका नहीं है जब संजय गायकवाड का नाम विवादों में आया हो। इससे पहले भी गायकवाड ने कई बार ऐसे विवादित बयान दिए हैं। एक बार तो उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ भी एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की जीभ काटने पर 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी। इस बयान के बाद गायकवाड को खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था और यह विवाद व्यापक रूप से चर्चा में आया था।
अब क्या होगा शिवसेना के लिए?
महाराष्ट्र में महायुति सरकार का गठन हो चुका है, लेकिन अब कई नेताओं के बयान पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। अजित पवार के बयान के बाद गायकवाड का बयान भी विवादों के घेरे में आ गया है। राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि अगर इस तरह के बयान पार्टी की लाइन के खिलाफ जाते रहे, तो इसका असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।
नतीजों का असर?
गायकवाड का यह बयान आने वाले समय में न केवल उनके और शिवसेना के लिए परेशानी का कारण बन सकता है, बल्कि यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ भी ले सकता है। हालांकि, यह देखना होगा कि शिवसेना इस विवाद को कैसे हैंडल करती है और क्या पार्टी अपने नेताओं को सार्वजनिक मंचों पर ऐसी टिप्पणियां करने से रोकने के लिए कोई कदम उठाएगी।