महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रभावित इलाके का दौरा किया और तबाही का जायजा लिया. रायगढ़ में महाड़ के तलिये गांव में पहुंचे सीएम ने कहा कि बाढ़ से जिन लोगों को नुकसान हुआ है उन्हें मुआवजा दिया जाएगा. हम कोशिश करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाओं में किसी की जान न जाए.
बाढ़ प्रभावित रायगढ़ में एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हैं. राजयगढ़ में पहाड़ दरकने के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है. कई और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है.
महाराष्ट्र के सतारा में भी पहाड़ दरकने से हादसा हो गया. अब तक छह लोगों के शव निकाले जा चुके हैं. वहीं सतारा में शनिवार सुबह भी बारिश हुई. कोयना डैम से 53 हजार क्यूसेक लीटर पानी छोड़ा गया. इसकी वजह से आसपास के गावों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
राज्य में रत्नागिरी, कोल्हापुर, सांगली और भिवंडी में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 12-12 फुट पानी की वजह से घरों में फंसे लोगों को एनडीआरएफ की टीम सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही है. सेना की टीमें भी राहत एवं बचाय कार्य में लगी हुई हैं.
ज्यादातर प्रभावित क्षेत्रों में पानी का स्तर बड़ी मात्रा में घट गया है लेकिन बाढ़ से अत्यधिक क्षति हुई है. घरों और सड़कों पर मिट्टी का ढेर जमा हो गया है. बाढ़ के बाद प्रशासन के पास एक बड़ी चुनौती यह है कि प्रभावित लोगों तक पेयजल, भोजन और दवाएं कैसे पहुंचाई जाएं. एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कई स्कूलों और कुछ निजी संपत्तियों का आश्रय के रूप में और घायलों के वास्ते प्राथमिक उपचार केंद्रों के रूप में इस्तेमाल किया.”