महाराष्ट्रः रेलवे ट्रैक पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों को रौंदती चली गई ट्रेन, बिछ गईं लाशें

मुंबई, राजसत्ता एक्सप्रेस। महाराष्ट्र के औरंगाबाद से दिल दहला देने वाली खबर आई है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन की चपेट में आकर 16 मजदूरों की मौत हो गई। सभी मजदूर पटरी के सहारे अपने घर (मध्य प्रदेश) लौट रहे थे। काफी देर से पैदल चल रहे मजदूर थकान मिटाने के लिए पटरी पर ही लेट गए। सुबह सवा पांच बजे एक ट्रेन वहां से गुजरी। मजदूरों को संभलने का भी मौका नहीं मिला और सभी ट्रेन की चपेट में आ गए। रेलवे अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है।

बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन जारी है। ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य तक जाने पर पाबंदी है। विशेष शर्तों के साथ ही आवागमन की इजाजत है। ऐसे में दूसरे राज्यों में फंसे कई मजदूर पैदल ही अपने गृह राज्य की तरफ चल दिए हैं। हालांकि भारत सरकार ने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनें चलाईं हैं, लेकिन बावजूद इसके अभी भी पैदल चल रहे मजदूरों का सिलसिला नहीं थमा है।

अत्यंत दुखी हूं, पीड़ितों को हर संभव मदद दी जाएगीः पीएम मोदी

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेलवे ट्रेक पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की ट्रेन से कटकर हुई दर्दनाक मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हादसे से अत्यंत दुखी हूं, पीड़ितों को हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मौके की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। लोगों की सहायता के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात हुई है।

मालगाड़ी की चपेट में आ गए मजदूर

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि करमाड पुलिस थाने के तहत आने वाले क्षेत्र में सुबह सवा पांच बजे हुई इस दुर्घटना में दो अन्य मजदूर घायल हो गए। करमाड पुलिस थाने के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मध्य महाराष्ट्र के जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। जालना से आ रही मालगाड़ी पटरियों पर सो रहे इन मजदूरों पर चढ़ गई। पुलिस अधिकारी संतोष खेतमलास ने बताया, ‘‘जालना में एक इस्पात फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर गत रात पैदल ही अपने गृह राज्य की ओर निकल पड़े थे। वे करमाड तक आए और थककर पटरियों पर सो गए।’’ उन्होंने बताया कि इस हादसे में 16 मजूदरों की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। इस समूह के साथ चल रहे तीन मजदूर जीवित बच गए क्योंकि वे रेल की पटरियों से कुछ दूरी पर सो रहे थे। उन्होंने बताया कि विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।

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