टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा गुरुवार को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं। इस दौरान पैनल ने उनसे कैश फॉर क्वेरी मामले में सवाल- जवाब किया। सुनवाई के बाद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने संसद की एथिक्स कमेटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पत्र में पेशी के पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है और कमेटी की कार्रवाई को वस्त्रहरण बताया है।
टीएमसी सांसद ने पत्र में आगे कहा कि सुनवाई के दौरान कमेटी ने उनसे कई ऑपत्तिजनक और अपमानजनक सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि सुनवाई में उनसे पूछा गया कि वह रात में किससे बात करती हैं। जिसके बाद कमेटी में शामिल विपक्ष के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया। महुआ मोइत्रा ने अपने चिट्ठी में लिखा, “मैं आज बहुत व्यथित होकर आपको पत्र लिख रही हूं एथिक्स कमेटी की सुनवाई में चेयरमैन ने मेरे साथ अनैतिक, घृणित और पूर्वाग्रहपूर्ण व्यवहार किया। मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि उन्होंने समिति के सभी सदस्यों की उपस्थिति में मेरा “चीरहरण” किया है।” बता दें कि संसद पूछताछ के दौरान संसद की एथिक्स कमेटी में कुल 11 सदस्य शामिल थे। जिसमें 5 विपक्ष के सदस्य थे।
गौरतलब है कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में सवाल पूछने के बदले बिजनेसमैन हीरानंदानी से रिश्वत और गिफ्ट्स लेने के आरोप लगाए हैं। इसी मामले में बुधवार को संसद की एथिक्स कमेटी के सामने टीएमसी नेता पेश हुईं थी। इसके अलावा भाजपा सांसद ने उनपर पार्लियामेंट की लॉगिन और पासवर्ड दूसरे को देने और दुबई में लॉगइन करने का आरोप लगाया था, जिसको महुआ ने भी स्वीकार किया है।