महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष को लिखा पत्र, कहा – ‘आपराधिक आरोपों की जांच का कोई अधिकार नहीं’

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में संसद की एथिक्स कमेटी को एक पत्र जारी किया है। उन्होंने पत्र में कहा कि समिति को कथित आपराधिक आरोपों की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। टीएमसी सांसद ने कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार को लिखे पत्र में आगे कहा कि इस पावर की अनुपस्तथिति को “हमारे देश के संस्थापकों” द्वारा संसद में पूर्ण बहुमत प्राप्त सरकार द्वारा समितियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जानबूझकर रखा गया था।

महुआ मोइत्रा ने बुधवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स ( पूर्व में ट्विटर ) पर एक पोस्ट के जरिए संसद की एथिक्स कमेटी पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, “एथिक्स कमेटी ने मीडिया को मेरा समन जारी करना उचित समझा, इसलिए मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि मैं भी कल अपनी “सुनवाई” से पहले समिति को अपना पत्र जारी करूं।”

उन्होंने पत्र में आगे कहा, ‘मैं आपको सम्मानपूर्वक याद दिलाना चाहती हूं कि संसदीय समितियों के पास आपराधिक क्षेत्राधिकार नहीं है और कथित आपराधिकता की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। यह केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियां ही कर सकती हैं। संसद में प्रचंड बहुमत का आनंद ले रही सरकारों द्वारा यह जांच विशेष रूप से हमारे देश के संस्थापकों द्वारा समितियों के थोड़े से दुरुपयोग को रोकने के लिए बनाई गई थी’
पत्र में आगे उन्होंने एक बार फिर बिजनेसमैन हीरानंदानी से पूछताछ की बात दोहराई है। बता दें कि हीरानंदानी ने आरोप लगाया है कि महुआ ने उनकी तरफ से संसद में सवाल उठाए हैं और उन्होंने महुआ मोइत्रा के पार्लियामेंट लॉगिन-पासकोड को इस्तेमाल करके दुबई से सवाल पोस्ट करने की बात को भी स्वीकार किया है। यदि यह आरोप सत्य पाए जाते हैं तो इसका मतलब विशेषाधिकार का उल्लंघन होगा और उन्हें संसद से सस्पेंड कर दिया जाएगा।

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