नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद मेजर कौस्तुभ पी. राणे का पार्थिव शरीर गुरुवार को महाराष्ट्र में उनके घर पहुंचा. इस दौरान परिवार के सदस्यों और दोस्तों सहित हजारों की भीड़ मौजूद थी. राणे मंगलवार को बांदीपोरा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए चार जवानों में शामिल थे.
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एक अधिकारी ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर मीरा रोड स्थित उनके घर गुरुवार को पहुंचा. राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे ताबूत में उनके पार्थिव शरीर को बुधवार शाम मुंबई में परिवार के सदस्यों, सेना और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में सौंपा गया. गुरुवार सुबह फूलों से पटे ताबूत को सेना के ट्रक से उनके घर लाया गया, जहां पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
इस दौरान कई लोग ‘मेजर कौस्तुभ राणे अमर रहें’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे. इस दौरान कई लोगों ने तिरंगा लहराया और कई महिलाएं रो रही थीं.मंगलवार से राणे के गृहनगर में शोक का माहौल है. राणे के परिवार में उनके माता-पिता प्रकाश और ज्योति राणे, बहन कश्यपी, पत्नी कनिका और ढाई साल का बेटा अगस्तय है.
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अपने माता-पिता के इकलौते बेटे राणे ने पुणे से सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर सेना में शामिल होने का अपना बचपन के सपना पूरा किया था और बाद में उन्हें 2011 में चेन्नई की कुलीन अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था.