चीन के चक्कर में पड़कर भारत से पंगा लेने वाला मालदीव रहा पछता! जानें पूरा मामला..

माले। चीन से नजदीकी बनाने के चक्कर में मालदीव ने भारत से मिली ऐसी सुविधा खो दी है कि उसे अब परेशान होना पड़ रहा है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने 10 मई तक अपने यहां तैनात भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए कहा था। नतीजा ये हुआ है कि भारत ने मालदीव को जो 3 विमान भेंट दिए थे, उनको उड़ाने के लिए कोई पायलट नहीं बचा है।

ये जानकारी मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौसून ने दी। भारत ने पहले इन विमानों को उड़ाने और देखभाल के लिए सेना के 76 जवानों को मालदीव में तैनात कर रखा था। भारत से मिले विमान और हेलीकॉप्टर के जरिए सैकड़ों लोगों को इमरजेंसी में मदद देकर उनकी जान बचाई गई थी। अब मालदीव के आम लोगों को ये सुविधा नहीं मिल पा रही है।

मालदीव के रक्षा मंत्री ने मीडिया को बताया कि भारत ने उनके देश को एक डॉर्नियर विमान और 2 हेलीकॉप्टर दिए थे। इन सभी को उड़ाने और रखरखाव के लिए भारतीय पायलट और सेना के जवान तैनात ते। अब ये जवान और पायलट लौट गए हैं। उन्होंने एक सवाल पर बताया कि मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बल में ऐसा कोई सैनिक नहीं, जो भारत से मिले विमान और हेलीकॉप्टरों को उड़ा सके।

कुछ सैनिकों को पायलट की ट्रेनिंग दी गई थी, लेकिन इस ट्रेनिंग के अलग-अलग चरण वे पूरा नहीं कर सके और इस वजह से विमान और हेलीकॉप्टर उड़ाने लायक नहीं हैं। बता दें कि भारत ने मालदीव की जनता को इमरजेंसी हालात में मदद के लिए ये विमान और हेलीकॉप्टर दिए थे।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनाव अभियान के दौरान भारत हटाओ का नारा दिया था। अब यही नारा मालदीव पर भारी पड़ रहा है। वहीं, मुइज्जू सरकार के 3 मंत्रियों ने जिस तरह पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में अशोभनीय बातें कहीं, उसके बाद से भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या में भी लगातार कमी आ रही है।

बीते दिनों ही मालदीव के पर्यटन मंत्री ने भारत के लोगों से अनुरोध किया था कि वे उनके देश आएं। मालदीव के पर्यटन मंत्री ने कहा था कि भारतीय पर्यटक नहीं आएंगे, तो इससे उनके देश की अर्थव्यवस्था खराब होने के आसार हैं।

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