माले: मालदीव में विपक्षी दल मालदिवियिन डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ने राष्ट्रपति चुनाव में बाजी मारी है। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच रविवार को राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को विजेता घोषित किया गया और सत्तासीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को अपनी हार स्वीकार करनी पड़ी।
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित चुनाव परिणाम में सोलिह को 1,34,616 यानी 58.3 फीसदी वोट मिले जबकि यामीन को 96,132 यानी 41.5 फीसदी वोट मिले। इस प्रकार सोलिह को निवार्चन आयोग ने विजेता घोषित किया। वह 17 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे और उनका कार्यकाल 2023 तक का होगा।
राष्ट्रपति कार्यालय से जारी संक्षिप्त बयान में यामीन ने कहा, “मुझे मालूम है कि मुझे अब पद छोड़ना पड़ेगा।” यामीन पर विरोधियों को दबाने का आरोप लगता रहा है। निरंकुशता के आरोपों के कारण उनके शासन को आघात पहुंचा। यामीन ने कहा कि उनको जनता का फैसला स्वीकार है। उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने और सुचारु तरीके से सत्ता परिवर्तन सुनिश्चत करने की अपील की।
वहीं, जीत हासिल करने के बाद सोलिह ने कहा, “संदेश प्रबल और स्पष्ट है। मालदीव की जनता परिवर्तन, शांति और न्याय चाहती है।”
मालदीव में राजनीतिक अस्थिरता से चिंतित भारत ने चुनाव के नतीजे का स्वागत किया है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में सोमवार को कहा, “मालदीव में राष्ट्रपति पद के लिए हुए तीसरे चुनाव की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी होने और प्रारंभिक सूचना के अनुसार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के विजेता घोषित होने का हम स्वागत करते हैं।”
मालदीव में करीब 22,000 भारतीय मूल के लोग निवास करते हैं और चीन से इसकी नजदीकी बढ़ने के कारण नई दिल्ली के लिए इसका रणनीतिक महत्व है। मालदीव के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने ट्विटर के जरिए कहा कि सोलिह ने मालदीव के लोगों की काफी सेवा की है। मालदीव में 2008 में संविधान लागू होने के बाद यह तीसरा लोकतांत्रिक चुनाव था।