भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा को मालदीव और क्षेत्र के लिए “सफलता” बताते हुए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि “ईश्वर की इच्छा से” दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों से मालदीव के लोगों के लिए समृद्धि बढ़ेगी। मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है। मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए अपनी पहली भारत यात्रा संपन्न होने के बाद सरकारी मीडिया पीएसएम से कहा, “यह यात्रा मालदीव और क्षेत्र के लिए भी सफल रही है।”
लोकसभा चुनाव में जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इस समारोह में भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया था। मुइज्जू ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का निमंत्रण पाकर खुशी हुई और वह इस कार्यक्रम में शामिल होकर भी ‘‘उतने ही खुश’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति (द्रौपदी मुर्मू) और एस जयशंकर (विदेश मंत्री) के साथ उच्चस्तरीय बैठकों के लिए भी आभारी हूं। मुझे विश्वास है कि मजबूत द्विपक्षीय संबंध भविष्य में मालदीव के लिए आकांक्षाओं को और मजबूती देंगे।’’ मुइज्जू ने कहा, “ईश्वर की इच्छा से, दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों के परिणामस्वरूप मालदीव और मालदीववासियों के लिए समान रूप से समृद्धि बढ़ेगी।
मुइज्जू ने की भारत की यात्रा
इससे पहले, विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था “राष्ट्रपति (मुइज्जू) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत सरकार के प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा की।” कहा गया, “यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू द्वारा गणमान्य अतिथियों के सम्मान में आयोजित भोज में भाग लिया।”
मजबूत होंगे भारत-मालदीव के संबंध
बयान में कहा गया, “दोनों राष्ट्रपतियों ने एक बैठक भी की, जिसमें उन्होंने मालदीव और भारत के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की।” इसमें कहा गया कि मुर्मू ने मालदीव की नई सरकार और लोगों को शुभकामनाएं दी। बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने (मुर्मू) विश्वास व्यक्त किया कि मुइज्जू के नेतृत्व में द्वीप राष्ट्र समृद्धि और विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।